क्लोरेला ग्रोथ फैक्टर | 15 Jun 2024
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR)-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Chemical Technology- IICT) के वैज्ञानिकों ने क्लोरेला ग्रोथ फैक्टर (Chlorella Growth Factor- CGF) की क्षमता पर प्रकाश डाला है, जो सूक्ष्म शैवाल ‘क्लोरेला सोरोकिनियाना’ से प्राप्त एक प्रोटीन युक्त अर्क है, जो खाद्य और चारा अनुप्रयोगों की एक विस्तृत शृंखला के लिये एक आदर्श घटक है।
क्लोरेला ग्रोथ फैक्टर (CGF) और क्लोरेला सोरोकिनियाना क्या हैं?
- क्लोरेला ग्रोथ फैक्टर (CGF):
- पोषण संबंधी लाभ: CGF उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो एसिड और प्रोटीन से समृद्ध है, जो इसे मानव तथा पशु दोनों के आहार के लिये एक आशाजनक वैकल्पिक स्रोत बनाता है।
- इसमें वाणिज्यिक सोया भोजन की तुलना में अधिक आवश्यक अमीनो एसिड और पोषक तत्त्व जैसे पेप्टाइड्स, न्यूक्लियोटाइड्स, पॉलीसेकेराइड्स, विटामिन तथा खनिज होते हैं।
- उत्पादन विधि: CGF के निष्कर्षण में एक गैर-रासायनिक ऑटोलिसिस प्रक्रिया शामिल होती है, जो अमीनो एसिड और अन्य मूल्यवान घटकों की अखंडता को संरक्षित करती है।
- अनुप्रयोग: मुर्गी के भोजन में CGF मिलाने से अंडों की गुणवत्ता में सुधार होता है तथा पशुओं के लिये यह एक बेहतर प्रोटीन पूरक के रूप में आशाजनक साबित होता है।
- वहनीयता: क्लोरेला सोरोकिनियाना जैसी सूक्ष्म शैवाल को "अल्प-शोषित फसलें" माना जाता है, जो स्थान और संसाधनों के लिये पारंपरिक खाद्य फसलों के साथ प्रतिस्पर्द्धा नहीं करती हैं तथा उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन स्रोतों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने हेतु एक स्थायी समाधान प्रदान करती हैं।
- पोषण संबंधी लाभ: CGF उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो एसिड और प्रोटीन से समृद्ध है, जो इसे मानव तथा पशु दोनों के आहार के लिये एक आशाजनक वैकल्पिक स्रोत बनाता है।
- क्लोरेला सोरोकिनियाना:
- क्लोरेला सोरोकिनियाना, एक अंडाकार आकार का एकल-कोशिकीय शैवाल है, जो सूक्ष्म जगत में एक विशिष्ट शैवाल है तथा इसमें सक्रिय रूप से बढ़ने की अद्वितीय क्षमता होती है।
- प्रत्येक कोशिका एक आत्मनिर्भर जीव है जिसमें जीवन के लिये आवश्यक सभी पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं, जो इसे पूर्ण और आत्मनिर्भर बनाता है।
- क्लोरेला सोरोकिनियाना तेज़ी से प्रजनन कर सकता है, पर्याप्त सूर्यप्रकाश और पोषक तत्त्वों के संपर्क में आने पर यह मात्र 24 घंटों में एक कोशिका से 24 कोशिकाओं तक बढ़ सकता है।
- क्लोरेला सोरोकिनियाना, एक अंडाकार आकार का एकल-कोशिकीय शैवाल है, जो सूक्ष्म जगत में एक विशिष्ट शैवाल है तथा इसमें सक्रिय रूप से बढ़ने की अद्वितीय क्षमता होती है।
सूक्ष्म शैवाल
- सूक्ष्म शैवाल प्रकाश संश्लेषक सूक्ष्मजीव हैं जो पानी, चट्टानों और मिट्टी जैसे विविध प्राकृतिक वातावरण में पाए जा सकते हैं। वे स्थलीय पौधों की तुलना में उच्च प्रकाश संश्लेषक दक्षता प्रस्तुत करते हैं और विश्व के ऑक्सीजन उत्पादन के एक महत्त्वपूर्ण हिस्से के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- वे विभिन्न जलीय वातावरणों में पनपते हैं, जिनमें मीठे पानी और समुद्री दोनों तरह के आवास शामिल हैं। उदाहरण के लिये क्लोरेला, डायटम आदि।
- समुद्री सूक्ष्म शैवाल महासागरीय खाद्य शृंखला और कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- हालाँकि जलवायु परिवर्तन जारी रहने के कारण, ग्लोबल वार्मिंग वृद्धि के कारण सतही समुद्री जल गर्म हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सतही जल और पोषक तत्वों से भरपूर गहरे जल के बीच कम मिश्रण के कारण पोषक तत्वों की उपलब्धता कम हो रही है।
मैक्रोशैवाल (Macroalgae)
- मैक्रोशैवाल, जिन्हें समुद्री शैवाल के नाम से जाना जाता है, बहुकोशिकीय और मैक्रोस्कोपिक स्वपोषी हैं, जिन्हें थैलस के रंग के आधार पर वर्गीकरण के अनुसार तीन अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत किया जाता है, जिनके नाम हैं क्लोरोफाइटा (हरा शैवाल), रोडोफाइटा (लाल शैवाल) और फेओफाइटा (भूरा शैवाल)।
- समुद्री शैवाल आदिम, बिना जड़, तने और पत्तियों वाला गैर-फूल वाला समुद्री शैवाल है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख भूमिका निभाता है।
- समुद्री शैवाल पानी के नीचे जंगलों का निर्माण करते हैं, जिन्हें केल्प वनों (Kelp Forest) कहा जाता है। ये जंगल मछली, घोंघे आदि के लिये नर्सरी का कार्य करते हैं।
- समुद्री शैवाल की कुछ प्रजातियों में गेलिडिएला एसेरोसा, ग्रेसिलेरिया एडुलिस, ग्रेसिलेरिया क्रैसा और ग्रेसिलेरिया वेरुकोसा शामिल हैं।
- समुद्री शैवाल आदिम, बिना जड़, तने और पत्तियों वाला गैर-फूल वाला समुद्री शैवाल है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में प्रमुख भूमिका निभाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. प्रजैविकों (प्रोबायोटिक्स) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्सप्रश्न. अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध और विकास-संबंधी उपलब्धियाँ क्या हैं? ये उपलब्धियाँ समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में किस प्रकार सहायक होगी? (2021) प्रश्न. किसानों के जीवन मानकों को उन्नत करने के लिये जैव प्रौद्योगिकी किस प्रकार सहायता कर सकती है? (2019) |