रैपिड फायर
CCI ने गूगल के एंटीट्रस्ट सेटलमेंट को मंजूरी दी
- 23 Apr 2025
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स्रोत: द हिंदू
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 48A(3) के तहत एंड्रॉइड टीवी मामले में गूगल के निपटान (Settlement) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (निपटान) विनियम, 2024 के तहत एक महत्त्वपूर्ण समाधान है।
- मामले की पृष्ठभूमि: प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 19(1)(a) के तहत मामले में आरोप लगाया गया कि गूगल ने अपने एंड्रॉइड टीवी OS के साथ प्ले स्टोर को जोड़कर और वैकल्पिक एंड्रॉइड संस्करणों को प्रतिबंधित करके एंड्रॉइड टीवी बाज़ार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया।
- प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 19(1)(a) CCI को धारा 3 (प्रतिस्पर्द्धा-विरोधी समझौते) या धारा 4 (प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग) के कथित उल्लंघनों की जाँच करने का अधिकार देती है।
- जाँच निष्कर्ष: CCI ने पाया कि भारत में स्मार्ट टीवी OS और ऐप स्टोर बाज़ार में गूगल का प्रभुत्व है, तथा वह प्रतिस्पर्द्धा और नवाचार को रोकने के लिये अनुचित तरीकों का प्रयोग कर रहा है।
- निपटान प्रक्रिया: प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 48A(3) (निपटान प्रक्रिया से संबंधित) के अंतर्गत, गूगल ने बंडलिंग आवश्यकताओं को हटाकर, OEM को गैर-गूगल एंड्रॉयड डिवाइस विकसित करने की अनुमति देकर और 20.24 करोड़ रुपए का निपटान शुल्क देकर समझौता करने पर सहमति व्यक्त की।
- CCI: यह प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 को लागू करने के लिये वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- इस अधिनियम ने राघवन समिति (1999) की सिफारिशों पर एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 (MRTP अधिनियम) का स्थान लिया।
- CCI ने प्रतिस्पर्द्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (COMPAT) के स्थान पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील न्यायाधिकरण (NCLAT) की स्थापना की।
- प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 (वर्ष 2023 में संशोधित) CCI को प्रतिबद्धता और निपटान विनियम, 2024 के माध्यम से उल्लंघनों को संबोधित करने का अधिकार देता है, जिससे उद्यमों को प्रतिबद्धताएँ प्रस्तुत करने या निपटान शुल्क का भुगतान करने की अनुमति मिलती है।