कैप्चा | 14 Apr 2025
स्रोत: द हिंदू
CAPTCHA (Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) एक चैलेंज-रिस्पॉन्स परीक्षण है जिसका उपयोग मानव उपयोगकर्त्ताओं से Bots को अलग करने के क्रम में ऑनलाइन सुरक्षा बढ़ाने और उपयोगकर्त्ता डेटा की सुरक्षा के लिये किया जाता है।
- बॉट्स (Bots) स्वचालित सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं जो रिपीटेटिव ऑनलाइन कार्य करने पर केंद्रित हैं।
कैप्चा:
- उत्पत्ति: इसे लुइस वॉन आह्न द्वारा 2000 के दशक की शुरुआत में बॉट्स को ब्लॉक करने के लिये विकसित किया गया, CAPTCHA विकृत टेक्स्ट (वर्ष 2003) से शुरू हुआ और यह स्कैन्ड बुक वर्ल्डस का उपयोग करके reCAPTCHA (वर्ष 2009) में विकसित हुआ और बाद में Google द्वारा व्यवहार विश्लेषण का उपयोग करके अदृश्य reCAPTCHA (वर्ष 2014) में विकसित हुआ। इसका आधुनिक संस्करण इमेज पहचान, चेकबॉक्स और इंटरैक्शन ट्रैकिंग के उपयोग पर केंद्रित है।
- लाभ: इससे बॉट्स को ब्लॉक करने, फर्जी अकाउंट, स्पैम और डेटा चोरी को रोकने के साथ यह सुनिश्चित होता है कि केवल मानव उपयोगकर्त्ता ही डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकें।
- अनुप्रयोग: CAPTCHA का उपयोग लॉगिन, पंजीकरण, लेन-देन, खाता पुनर्प्राप्ति और सर्वेक्षणों में बॉट्स को ब्लॉक करने तथा उपयोगकर्त्ताओं को सत्यापित करने के लिये किया जाता है। reCAPTCHA बुक डिजिटलीकरण में भी सहायक है।
- हानियाँ: इससे डिसेबल्ड उपयोगकर्त्ताओं के लिये पहुँच में बाधा उत्पन्न होने के साथ मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिये यह बोझिल हो सकता है। इसे उन्नत बॉट्स द्वारा दरकिनार किये जाने से उपयोगकर्त्ता अनुभव प्रभावित हो सकता है।
- अन्य साइबर सुरक्षा उपाय: अन्य उपायों में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA), डिवाइस कोड के माध्यम से दूसरा सत्यापन स्तर, फिंगरप्रिंट या चेहरे की पहचान का उपयोग करके बायोमेट्रिक सत्यापन, बॉट्स को ट्रैप करने के लिये हनीपाॅट्स और व्यवहारिक बायोमेट्रिक्स (जिसमें मनुष्यों को बॉट्स से अलग करने हेतु टाइपिंग या स्वाइप पैटर्न को ट्रैक किया जाता है) शामिल हैं।
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