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तितलियों का अनुकूलन और उद्विकास प्रक्रियाएँ

  • 31 Dec 2022
  • 6 min read

एक नए अध्ययन में तितलियों के अनुकूलन और विकास प्रक्रियाओं के कई रोचक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।  

  • यह अध्ययन कर्नाटक के पश्चिमी घाट में तितलियों की कई प्रजातियों और उनके अनुकरणीय प्रवृत्तियों पर किया गया था।  

Butterfly

अध्ययन के प्रमुख बिंदु: 

  • निष्कर्षों को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया गया: 
    • प्रतिरूप प्रजातियाँ: वे प्रजातियाँ जो परभक्षियों के लिये विषैली होती हैं।
    • बेट्सियन अनुहरण प्रजातियाँ: वे प्रजातियाँ जो शिकारियों से बचने के लिये अनपेक्षित प्रजातियों (ज़हरीली) जैसे लक्षण विकसित करती हैं।
    • गैर-अनुकरणीय प्रजातियाँ: वे जो बेट्सियन अनुहारक के साथ घनिष्ठ संबंध साझा करती हैं लेकिन उनमें नकल/अनुहारक की विशेषता का अभाव होता है।
  • “स्वादहीन को प्रतिरूप कहा जाता है और स्वादिष्ट को अनुहारक कहा जाता है। 
  • अनुहरण का उपयोग करने वाली  तितलियाँ उन प्रजातियों की तुलना में तेज़ी से विकसित होती हैं जो अनुहरण का उपयोग नहीं करती हैं।
  • बेट्सियन अनुहारक, समान पंख रंग पैटर्न और उड़ान व्यवहार विकसित करके शिकारियों से बचने के लिये अनुकूल होती हैं।
  • विश्लेषणों से पता चला है कि न केवल रंग पैटर्न बहुत तेज़ दर से विकसित हुए थे, बल्कि अनुहरण वाले समुदायों के सदस्य अपने नज़दीकी फैमिली की तुलना में तेज़ दर से विकसित हुए थे।
    • तितलियाँ रंग और रंग पैटर्न की एक विस्तृत शृंखला प्रदर्शित करती हैं, जो यह दर्शाती है कि पंखों के पैटर्न और रंजक अंतर्निहित आनुवंशिक संरचना अपेक्षाकृत लचीली/नम्य तथा अनुकूलन के लिये अतिसंवेदनशील है।

पश्चिमी घाट: 

  • परिचय: 
    • पश्चिमी घाट पहाड़ों की एक शृंखला से मिलकर बना है जो भारत के पश्चिमी तट (Western Coast) के समानांतर विस्तृत है और केरल, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्यों में विस्तृतहै।  
  • महत्त्व: 
    • पश्चिमी घाट भारतीय मानसून के मौसम पैटर्न को प्रभावित करते हैं जो इस क्षेत्र की गर्म उष्णकटिबंधीय जलवायु से संबंधित हैं।  
    • वे दक्षिण-पश्चिम से आने वाली वर्षा-युक्त मानसूनी हवाओं के लिये एक बाधा के रूप में कार्य करते हैं।  
    • पश्चिमी घाट उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों के साथ-साथ विश्व स्तर पर संकटग्रस्त 325 प्रजातियों का निवास स्थान भी है।  

  UPSC सिविल सेवा  परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. हाल ही में हमारे देश में पहली बार निम्नलिखित में से किस राज्य ने किसी विशेष तितली को राज्य तितली घोषित किया है? (2016) 

(a) अरुणाचल प्रदेश
(b) हिमाचल प्रदेश
(c) कर्नाटक
(d) महाराष्ट्र

उत्तर: D

व्याख्या:

  • महाराष्ट्र 'स्टेट बटरफ्लाई' वाला देश का पहला राज्य बन गया। इसने ब्लू मॉर्मन (पैपिलियो पॉलीमनेस्टर) को राज्य तितली घोषित किया है।
  • यह आमतौर पर सदर्न बर्डविंग के नाम से जानी जाने वाली टाइराइड्स मिनोस के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी तितली है।
  • यह केवल श्रीलंका, महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट, दक्षिण भारत और देश के तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • चमकीले नीले धब्बों के साथ इसके मखमली और काले पंख होते हैं। अत: विकल्प D सही उत्तर है।

प्रश्न. भारत के निम्नलिखित क्षेत्रों में से 'ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल' के अपने प्राकृतिक आवास में पाए जाने की सबसे अधिक संभावना कहाँ है?

(a) उत्तर-पश्चिमी भारत के रेतीले मरूस्थल
(b) जम्मूू-कश्मीर के उच्चतर हिमालय क्षेत्र
(c) पश्चिमी गुजरात के लवण कच्छ क्षेत्र
(d) पश्चिमी घाट

उत्तर: D

व्याख्या:

  • ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल बड़े और व्यापक पक्षी हैं तथा अधिकांश प्रजातियाँ उष्णकटिबंधीय वन आवासों पर निर्भर हैं जिनमें बड़े एवं लंबे पेड़ होते हैं।
  • भारत में नौ हॉर्नबिल प्रजातियाँ हैं, जिनमें से चार पश्चिमी घाट में पाई जाती हैं- इंडियन ग्रे हॉर्नबिल (भारत के लिये स्थानिक), मालाबार ग्रे हॉर्नबिल (पश्चिमी घाट के लिये स्थानिक), मालाबार पीड हॉर्नबिल (भारत और श्रीलंका के लिये स्थानिक) तथा लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल। भारत में इसकी ऐसी प्रजाति भी है जो हॉर्नबिल की सबसे छोटी श्रेणियों में से एक है- नारकोंडम हॉर्नबिल, यह केवल अंडमान सागर में नारकोंडम द्वीप पर पाया जाता है। अत: विकल्प D सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू  

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