पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो स्थापना दिवस | 02 Sep 2024

स्रोत : पी.आई.बी

हाल ही में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) ने नई दिल्ली में अपना 54वाँ स्थापना दिवस मनाया, जिसमें आपराधिक कानून और पुलिस आधुनिकीकरण में महत्त्वपूर्ण विकास पर प्रकाश डाला गया। 

  • इस कार्यक्रम में नए आपराधिक कानूनों पर प्रकाश डाला गया। ये कानून पीड़ित-केंद्रित हैं और इनका उद्देश्य सज़ा देने के बजाय न्याय प्रदान करना है।
  • इस कार्यक्रम में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 के लिये विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति पदक (PSM) तथा सराहनीय सेवा के लिये राष्ट्रपति पदक (MSM) के प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया गया। 
  • BPR&D की स्थापना 28 अगस्त, 1970 को गृह मंत्रालय के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 1966 में स्थापित तत्कालीन मौजूदा पुलिस अनुसंधान और सलाहकार परिषद को एक नई दिशा प्रदान करना था।
    • इसका उद्देश्य पुलिस संबंधी मुद्दों को हल करना, व्यवस्थित अध्ययनों को बढ़ावा देना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को पुलिसिंग विधियों में एकीकृत करना है।
    • शुरू में इसमें दो प्रभाग शामिल थे: अनुसंधान, सांख्यिकी और प्रकाशन तथा विकास। 1973 में पुलिस दक्षताओं को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण प्रभाग को जोड़ा गया, इसके बाद 1983 में फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय की स्थापना की गई तथा 1995 में सुधारात्मक प्रशासन को शामिल किया गया।
    • इस ब्यूरो का नेतृत्व महानिदेशक स्तर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी करते हैं, जिनकी सहायता अतिरिक्त महानिदेशक करते हैं।.
  • BPR&D का विशेष परियोजना प्रभाग मानव तस्करी विरोधी, लैंगिक चिंताओं और अल्पसंख्यक तथा एससी/एसटी समुदायों से संबंधित मामलों जैसे उभरते मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करता है।
  • BPR&D प्रकाशन: भारतीय पुलिस जर्नल, पुलिस संगठनों पर डेटा और सजग भारत एवं सतर्क भारत पत्रिका।

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