प्रारंभिक परीक्षा
ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा और पोल्ट्री फीड
- 14 Feb 2023
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भारत विश्व के शीर्ष पाँच चिकन और अंडा उत्पादकों में से एक है, किंतु छोटे पोल्ट्री किसानों के समक्ष इस व्यवसाय में फीड की गुणवत्ता, मात्रा और लागत जैसी कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं।
- ब्लैक सोल्जर फ्लाई का उच्च पोषण मूल्य इन चुनौतियों का समाधान करने के विकल्पों में से एक हो सकता है।
पोल्ट्री फीड से संबंधित चुनौतियाँ:
- पोल्ट्री उत्पादन की पूरी लागत में फीड का हिस्सा 70% तक होता है। इसके अलावा पोल्ट्री के लिये आपूर्ति किया जाने वाला पारंपरिक फीड, मुख्य रूप से अनाज और सोया की आपूर्ति बढ़ती जनसंख्या की खाद्य मांगों के चलते प्रतिस्पर्द्धी बनी हुई है।
- बढ़ती लागत के अलावा पोल्ट्री क्षेत्र की स्थिरता हेतु फीड संसाधन उपलब्धता एक प्रमुख निर्धारक है।
- ऐसा ही एक विकल्प ब्रुअर्स जैसा सूखा अनाज़ है, जो ब्रूइंग उद्योग का एक उपोत्पाद है।
- हालाँकि प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर इसमें उच्च नमी और फाइबर सामग्री शामिल है।
- देश के कुछ हिस्सों में गेहूँ का एक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प चावल की भूसी है। इसमें गेहूँ के समान तुलनात्मक रूप से उपापचय योग्य ऊर्जा होती है।
- हालाँकि अध्ययनों से पता चलता है कि चावल की भूसी को चारे में शामिल करने पर मुर्गियों के अंडा देने की क्षमता में गिरावट आई है।
- उदाहरण के लिये ब्लैक सोल्जर फ्लाई (हर्मेटिया इल्यूसेंस) के लार्वा में उच्च पोषण क्षमता होती है, साथ ही इसे पालना आसान होता है।
ब्लैक सोल्जर फ्लाई:
- परिचय:
- ब्लैक सोल्जर फ्लाई स्ट्रैटिओमाइडे परिवार की एक मक्खी (डिप्टेरा) है जो आमतौर पर विश्व के कई हिस्सों में पाई जाती है।
- वे हल्के सफेद रंग की होती हैं और खाद्य अपशिष्ट से लेकर खाद तक विभिन्न प्रकार के कार्बनिक पदार्थों को खाती हैं।
- इनमें उच्च अपशिष्ट-से-बायोमास रूपांतरण की दक्षता होती है।
- इसका मतलब है खुद को गर्म रखने के लिये बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करने वाले गर्म खून वाले स्तनधारियों और पक्षियों के विपरीत यह मक्खी भोजन को शरीर के द्रव्यमान में कुशलता से परिवर्तित कर सकती है।
- उपयोगिता:
- वे मुर्गी पालन से जुड़े लोगों के लिये कम लागत, कम फुटप्रिंट, पर्यावरण की दृष्टि से लाभकारी और पूरी तरह से प्राकृतिक फीड हो सकती हैं।
- लार्वा जैविक कचरे को उपयोगी विटामिन और खनिजों की एक विस्तृत शृंखला में परिवर्तित करने में सक्षम हैं।
- इसलिये वे पशुओं के चारे के लिये एक व्यवहार्य विकल्प हैं क्योंकि वे कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, लोहा, जस्ता, तांबा, मैंगनीज़ और अन्य खनिजों से भरपूर हैं।
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