इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

ब्लैक डेथ

  • 24 Jun 2022
  • 2 min read

साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्त्ताओं ने दावा किया है कि ब्लैक डेथ की पहचान आधुनिक उत्तरी किर्गिस्तान में 1338-1339 के आसपास हुई थी। लगभग 7-8 वर्ष पहले इसने दुनिया के बड़े हिस्से को नुकसान पहुँचाया था। 

ब्लैक डेथ 

  • ब्लैक डेथ शब्द बुबोनिक प्लेग को संदर्भित करता है जो वर्ष 1346-53 में पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में फैला। 
  • अधिकांश विद्वान इस बात से सहमत हैं कि ब्लैक डेथ, जिसने लाखों लोगों की जान ली थी, यर्सिनिया पेस्टिस जीवाणु के कारण हुई थी और पिस्सू द्वारा फैल गई थी जिसके मेज़बान कृंतक (चूहा गिलहरी आदि कतरने वाले जानवर) थे। 
  • सूक्ष्मजीव येर्सिनिया पेस्टिस मानव आबादी में फैल गया, जिन्होंने इसे मानव पिस्सू के वेक्टर के माध्यम से या सीधे श्वसन प्रणाली के माध्यम से दूसरों को प्रेषित किया। 
  • महामारी के बारे में लिखने वाले समकालीनों ने अक्सर बुबो (कठोर, सूजन वाले लिम्फ नोड्स) को विशिष्ट नैदानिक विशेषता के रूप में वर्णित किया। 
  • 14वीं शताब्दी में जनसांख्यिकीय विनाश के कारण महामारी को 'ग्रेट डेथ' के रूप में संदर्भित किया गया था। 
  • उस समय व्यापक ऐतिहासिक डेटा की कमी के कारण मरने वालों की सही संख्या जानना मुश्किल है। 

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2