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काले-भूरे रंग का अल्बाट्रॉस

  • 21 Dec 2021
  • 3 min read

हाल के एक अध्ययन में अल्बाट्रॉस (Albatrosses) की आबादी के मध्य रिश्तों की लंबी उम्र पर पड़ने वाले पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रभाव का प्रमाण प्रदान किया है। 

  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और गर्म जल के कारण काले-भूरे रंग के अल्बाट्रॉस की आपस में बिछुड़ने की दर में अधिक वृद्धि हुई है।

Albatross

प्रमुख बिंदु 

  • काले-भूरे रंग का अल्बाट्रॉस:
    • वैज्ञानिक नाम: थालास्सारचे मेलानोफ्रिस (Thalassarche melanophris)
    • ये अल्बाट्रॉस डायोमेडीडे (Diomedeidae) परिवार के सदस्य हैं इनकी ‘नालिकानुमा नाक’ (Tube-Noses) शीयरवाटर (Shearwaters), पेट्रेल (Petrels) और फुलमार(Fulmars) से संबंधित है।
      • यह सबसे सामान्य और व्यापक स्तर पर पाया जाने वाला अल्बाट्रॉस है।
    • इस बड़े समुद्री पक्षी का यह नाम इनकी आँखों के ऊपर गहरे काले रंग के पंखों के कारण है।
    • अल्बाट्रॉस वास्तव में समुद्री पक्षी हैं, जो दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरों को पार करते हुए केवल प्रजनन के लिये भूमि पर लौटते हैं।
  • वितरण:
    • ये दक्षिण अटलांटिक में और दक्षिणी गोलार्द्ध में सर्कंपोलर के पास पाए जाते हैं। इनका परिवेश ठंडी धाराओं के साथ उत्तर की ओर बढ़ता जाता है।
    • सितंबर और अक्तूबर के दौरान ये पक्षी दक्षिण अटलांटिक द्वीपों जैसे- दक्षिण जॉर्जिया और फॉकलैंड द्वीप समूह, दक्षिण सैंडविच एवं केप हॉर्न द्वीपों पर प्रजनन करते हैं। 
  • खतरा:
    • स्थलीय जानवरों के शिकार।
    • मत्स्य पालन और जलीय संसाधनों का संचयन।
    • आक्रामक और अन्य समस्यात्मक प्रजातियाँ, जीन एवं रोग।
    • ज्वालामुखी।
    • जलवायु परिवर्तन और खतरनाक मौसम।
  • संरक्षण स्थिति:

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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