रैपिड फायर
श्री हरिचंद ठाकुर की जयंती
- 05 Apr 2025
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स्रोत: पी.आई.बी.
प्रधानमंत्री ने श्री हरिचंद ठाकुर (1812-1878) को उनकी 214वीं जयंती (27 मार्च 2025) पर श्रद्धांजलि अर्पित की और मतुआ धर्म महा मेला 2025 के लिये शुभकामनाएँ दीं।
- हरिचंद ठाकुर: हरिचंद बंगाल के समाज सुधारक थे, जिन्होंने नामशूद्र (मतुआ) संप्रदाय की स्थापना की, जो जाति उत्पीड़न का विरोध करने वाला एक सुधारवादी वैष्णव आंदोलन था, जिसने नामशूद्र, माली और तेली जैसे उपांतिकृत समुदायों को आकर्षित किया।
- इनका जन्म बांग्लादेश के ओरकांडी में एक अनुसूचित जाति (SC) किसान परिवार में हुआ था। वह विष्णु/कृष्ण के अवतार के रूप में लोगों के लिये श्रद्धेय थे।
- उनके पुत्र गुरुचंद ठाकुर ने बाद में मिशनरी सेसिल सिलास मीड के साथ मिलकर चांडालों (निम्न जाति) को नामशूद्र के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने का कार्य किया।
- मतुआ: यह एक सामाजिक-धार्मिक समूह है जो मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से है, जिनमें से अनेक व्यक्तियों ने वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण ली।
- पश्चिम बंगाल की कुल अनुसूचित जाति आबादी में 17.4% मतुआ समुदाय से है, जो राजबंशियों के बाद दूसरा सबसे बड़ा समूह है।
- मतुआ धर्म महा मेला उनकी विरासत का प्रतीक है। इस समुदाय ने CAA अधिनियम के कार्यान्वयन को स्वीकार कर लिया है।
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