बर्ड फ्लू | 07 Apr 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू वायरस से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई, जो वर्ष 2021 के बाद से भारत में H5N1 के कारण हुई दूसरी मानव मृत्यु है।

बर्ड फ्लू क्या है?

  • बर्ड फ्लू अथवा एवियन इन्फ्लूएंज़ा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो वन्य और साथ ही घरेलू प्रकार के पक्षियों को प्रभावित करता है। 
    • यह एवियन इन्फ्लूएंज़ा A वायरस के कारण होता है, जिसके उपप्रकार जैसे H5N1 और H5N8 विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण हैं।
  • मानव पर इसके प्रभाव के मामले: मानव पर इसका पहला संक्रमण वर्ष 1997 (हांगकांग) में दर्ज किया गया था। इसके अधिकांश मामले एशिया में दर्ज किये गए और इसका कारण संक्रमित पक्षियों के साथ निकट संपर्क था।
  • संचरण: H5N1 मुख्य रूप से संक्रमित जीवित अथवा मृत पक्षियों अथवा दूषित वातावरण (जैसे, जीवित पक्षियों का बाज़ार) के साथ प्रत्यक्ष संपर्क होने के माध्यम से संचरित होता है।
    • इसलिये, H5N1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसंधान एवं विकास ब्लूप्रिंट के तहत प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • संक्रमित स्तनधारियों से मनुष्यों में संक्रमण दुर्लभ रूप से पाया गया है। हालाँकि मनुष्यों में संक्रमण दुर्लभ है किंतु H5N1 की मृत्यु दर (~ 60%) बहुत अधिक है, जो कोविड-19 की अधिकतम मृत्यु दर (~ 3%) से भी बहुत अधिक है। साथ ही, मनुष्यों में वायु के माध्यम से संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
    • मानव-से-मानव में संक्रमण अत्यंत दुर्लभ है। वायरस अभी भी विकसित हो रहा है, और यदि यह मानव-से-मानव में निरंतर संचरण के लिये उत्परिवर्तित होता है, तो यह एक वैश्विक महामारी को जन्म दे सकता है।
  • लक्षण: सामान्य लक्षणों में तीव्र बुखार, खाँसी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।
    • गंभीर मामलों में श्वसन विफलता या तंत्रिका संबंधी जटिलताएँ हो सकती हैं। कुछ व्यक्ति संक्रमण के बावजूद लक्षणविहीन रह सकते हैं।
  • उपचार: ओसेल्टामिविर जैसी एंटीवायरल दवाएँ प्रभावी होती हैं, खासकर जब गंभीर या उच्च जोखिम वाली स्थितियों की शुरुआत में ही इनका उपयोग किया जाता है।
  • टीकाकरण: वर्तमान मौसमी फ्लू के टीके H5N1 से बचाव नहीं करते हैं।
    • कुछ देशों ने आपातकालीन उपयोग के लिये  H5N1-विशिष्ट टीके विकसित किये हैं।
  • एवियन इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार:

Strains_of_Avian Influenza

इन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार क्या हैं?

  • ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- DNA वायरस व RNA वायरस।
  • वायरस के वर्गीकरण में ‘इन्फ्लूएंज़ा वायरस’ RNA प्रकार के वायरस होते हैं तथा ये ‘ऑर्थोमिक्सोविरिदे’ (Orthomyxoviridae) वर्ग से संबंधित होते हैं। इन्फ्लूएंज़ा वायरस के तीन वर्ग निम्नलिखित हैं:-
    • इन्फ्लूएंज़ा वायरस A: यह एक संक्रामक वायरस है। ‘जंगली जलीय पशु-पक्षी’ इसके प्राकृतिक वाहक होते हैं। मनुष्यों में संचारित होने पर यह काफी घातक सिद्ध हो सकता है।
    •  इन्फ्लूएंज़ा वायरस B: यह विशेष रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है तथा इन्फ्लूएंज़ा-A से कम सामान्य तथा कम घातक होता है।
    •  इन्फ्लूएंज़ा वायरस C: यह सामान्यतः मनुष्यों, कुत्तों एवं सूअरों को प्रभावित करता है। यह इन्फ्लूएंज़ा के अन्य प्रकारों से कम घातक होता है तथा आमतौर पर केवल बच्चों में सामान्य रोग का कारण बनता है।

About_Bird_Flu

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. H1N1 विषाणु का प्रायः समाचारों में निम्नलिखित में से किस एक बीमारी के संदर्भ में उल्लेख किया जाता है? (2015)

(a) एड्स
(b) बर्ड फ्लू
(c) डेंगू
(d) स्वाइन फ्लू

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. विषाणु संक्रमित कर सकते हैं
  2. जीवाणुओं को
  3. कवकों को
  4. पादपों को

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1,2 और 3

उत्तर: (d)