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बीमा वाहक

  • 05 Jun 2023
  • 4 min read

देश के सुदूर क्षेत्रों में बीमा की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI) ने हाल ही में बीमा वाहक संबंधी मसौदा दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उल्लेखनीय है कि बीमा वाहक (Bima Vahak) ग्रामीण क्षेत्रों तक बीमा की पहुँच हेतु एक समर्पित वितरण चैनल है।

बीमा वाहक:

  • परिचय: 
    • बीमा वाहक कार्यक्रम IRDAI के "वर्ष 2047 तक सभी के लिये बीमा" लक्ष्य के घटकों में से एक है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में बीमा उत्पादों की पहुँच और उपलब्धता में सुधार करना है।
    • यह कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत प्रतिनिधियों दोनों के क्षेत्र बल की स्थापना करके बीमाकर्त्ताओं के लिये एक महत्त्वपूर्ण अंतिम-मील कनेक्शन के रूप में काम करेगा। ये प्रतिनिधि, जिन्हें बीमा वाहक के रूप में जाना जाता है, बीमा उत्पादों के वितरण और सर्विसिंग के लिये ज़िम्मेदार होंगे।
    • बीमा वाहक योजना IRDAI द्वारा शुरू की गई प्रमुख बीमाकर्त्ताओं की अवधारणा के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है।
      • प्रमुख बीमाकर्त्ता ग्राम पंचायतों की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिये संसाधनों की तैनाती हेतु समन्वय करते हैं, जो भारत में स्थानीय स्वशासन इकाइयाँ हैं। 
  • उद्देश्य: 
    • यह महिलाओं को बीमा वाहक के रूप में ऑनबोर्ड करने पर केंद्रित है, क्योंकि वे स्थानीय लोगों का विश्वास हासिल कर सकती हैं और विभिन्न समुदायों में बीमा पैठ की सुविधा प्रदान कर सकती हैं।
    • बीमा वाहक का लक्ष्य स्थानीय आबादी के साथ जुड़कर देश के प्रत्येक क्षेत्र में बीमा की पहुँच और जागरूकता को बढ़ाना है।
  • महत्त्व: 
    • बीमा वाहक पहल से भारत भर में प्रत्येक ग्राम पंचायत में लोगों की विविध आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु बीमा समावेशन को बढ़ाने, जागरूकता बढ़ाने तथा बीमा प्रस्तावों को अपनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।

IRDAI:

  • IRDAI, वर्ष 1999 में स्थापित एक नियामक संस्था है जिसे बीमा ग्राहकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है।
    • यह IRDA अधिनियम, 1999 के तहत एक वैधानिक निकाय है और वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।
  • यह बीमा से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हुए बीमा उद्योग के विकास को नियंत्रित करता और देखता है। 
  • प्राधिकरण की शक्तियाँ और कार्य IRDAI अधिनियम, 1999 और बीमा अधिनियम, 1938 में निर्धारित की गई हैं।

स्रोत: द हिंदू

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