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बेनिन ब्रॉन्ज़

  • 26 Dec 2022
  • 3 min read

जर्मनी ने बेनिन से लूटी गई 20 बेनिन ब्रॉन्ज़ पट्टिकाएँ और मूर्तियाँ नाइजीरिया को लौटा दीं।

  • जुलाई 2022 में जर्मनी द्वारा नाइजीरिया के साथ लगभग 1,100 बेनिन ब्रॉन्ज़ के स्वामित्व के हस्तांतरण हेतु समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इन कीमती कलाकृतियों की वापसी हुई।

बेनिन ब्रॉन्ज़: 

  • बेनिन ब्रॉन्ज़ वर्तमान नाइजीरिया में बेनिन के प्राचीन साम्राज्य की 3,000 से अधिक मूर्तियों और कलाकृतियों का एक समूह है। यह लगभग 16वीं शताब्दी का है।
    • वर्ष 1897 में बेनिन शहर पर कुख्यात छापे के दौरान ब्रिटिश औपनिवेशिक ताकतों द्वारा इन्हें लूट लिया गया था।
  • इनमें से कई कलाकृतियाँ विशेष रूप से राजाओं या ओबास और राज्य की राजमाताओं के लिये अधिकृत किये गए थे।
  • ये कलाकृतियाँ बेनिन साम्राज्य की संस्कृति के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के साथ इसके संबंधों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। इनमें से कुछ कलाकृतियाँ यूरोपीय लोगों के साथ राज्य के संबंधों की भी प्रदर्शित करती हैं।

Benin-Bronze

अन्य लूटी गई कलाकृतियों को देशों द्वारा वापस किये जाने की मांग:

  • कोह-ए-नूर हीरा:
    • विभाजन-पूर्व भारत और ब्रिटिश राज में कोह-ए-नूर का एक लंबा इतिहास रहा है। ऐसा माना जाता है कि वर्तमान आंध्र प्रदेश में इसका खनन किया गया था।
    • दूसरे एंग्लो-सिख युद्ध के दौरान वर्ष 1849 में रानी विक्टोरिया द्वारा हीरे का अधिग्रहण किया गया था, इसी समय पंजाब को ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन लाया गया था। 
    • लाहौर की अंतिम संधि पर हस्ताक्षर के बाद अंग्रेज़ों ने इस हीरे को अपने कब्ज़े में ले लिया था।
      • लॉर्ड डलहौज़ी और महाराजा दलीप सिंह के बीच 1849 में हुई लाहौर संधि के तहत कोहिनूर हीरे को लाहौर के महाराजा ने इंग्लैंड की महारानी को सौंप दिया था।
  • रॉसेटा स्टोन:
    • दूसरा प्रसिद्ध उदाहरण रॉसेटा स्टोन है। वर्तमान में ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित यह मिस्र का एक प्राचीन पत्थर है जिसमें शिलालेख हैं, यह मिस्र-विज्ञान का आधार है। 
    • मिस्र को जीतने के लिये सम्राट के अभियान के दौरान वर्ष 1799 में राशिद (रॉसेटा) शहर के पास नेपोलियन बोनापार्ट की सेना द्वारा पत्थर की खोज की गई थी। वर्ष 1801 में फ्राँसीसियों को हराने के बाद इसे अंग्रेज़ों को सौंप दिया गया था।

स्रोत :इंडियन एक्सप्रेस

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