बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय | 28 Jun 2024
हाल ही में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की 185वीं जयंती मनाई गई।
- 27 जून 1838 को जन्मे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय एक अनुकरणीय उपन्यासकार, सामाजिक व्यंग्यकार, पत्रकार और बंगाल पुनर्जागरण के प्रमुख व्यक्ति थे।
- उन्होंने संस्कृत में वंदे मातरम की रचना की, जिसके पहले दो छंदों को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया और यह स्वतंत्रता संग्राम में लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत था।
- उनके और भारतीय साहित्य के बेहतरीन ग्रंथों में से एक, आनंदमठ (1882), जो संन्यासी विद्रोह (1770-1820) की पृष्ठभूमि पर आधारित है, में भी वंदे मातरम शामिल है।
- बंगाल में 1770 के भीषण अकाल के बाद संन्यासियों ने विद्रोह कर दिया, जिससे भयंकर अराजकता और दुःख पैदा हो गया।
- उन्होंने 1872 में एक मासिक साहित्यिक पत्रिका, बंगदर्शन की भी स्थापना की, जिसके माध्यम से बंकिम को बंगाली पहचान और राष्ट्रवाद के उद्भव को प्रभावित करने का श्रेय दिया जाता है।
- उनकी अन्य उल्लेखनीय कृतियों में दुर्गेशनंदिनी (1865) कपालकुंडला (1866), कृष्णकांतर विल (1878), देवीचौधरी (1884), बिशबृक्ष (द पॉइज़न ट्री), चंद्रशेखर (1877) और राजमोहन की पत्नी शामिल हैं।
- उन्होंने एक वकील और जिला न्यायाधीश के रूप में भी काम किया।
और पढ़ें: बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय