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भारतीय अनार के लिये बांग्लादेश शीर्ष गंतव्य

  • 28 Jan 2022
  • 3 min read

बांग्लादेश पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अनार के निर्यात के लिये शीर्ष गंतव्य के रूप में उभरा है।

  • पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) में भारत ने 68,502.9 टन फलों का निर्यात किया था, जिसमें से 36,906.77 टन (50% से अधिक) बांग्लादेश को किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • अनार (पुनिका ग्रेनटम) दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है।
      • यह अर्द्ध-शुष्क परिस्थितियों में अच्छी तरह से बढ़ता है और इसे औसत समुद्र तल से ऊपर 500 मीटर की ऊँचाई तक उगाया जा सकता है। यह गर्म एवं शुष्क तथा सर्दियों में अच्छी तरह से उगता है, बशर्ते कि उपयुक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो।
    • अनार अधिकांशतः महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में उगाया जाता है, अनार राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिये एक प्रमुख निर्यात फसल के रूप में उभरा है।
    • पिछले कुछ वर्षों में भारतीय निर्यात लगभग 50,000-60,000 टन पर स्थिर हो गया है, क्योंकि फलों की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने के कारण विकास क्षमता प्रभावित हुई है।
    • जबकि यूरोपीय संघ एक प्रमुख बाज़ार है जहांँ फल प्रीमियम मूल्य प्राप्त करते हैं और वहांँ गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाले मानक अधिक हैं।
      • निर्यात के लिये तैयार फलों की अनुपलब्धता ने पिछले कुछ वर्षों में यूरोपीय बाज़ारों में भारतीय निर्यातकों के आकर्षण को कम किया है।
  • बांग्लादेश में निर्यात वृद्धि के कारण:
    • परिवहन में आसानी और अपेक्षाकृत आसान आयात मानदंडों (Ease of transportation and relatively relaxed import norms) ने भारतीय उत्पादकों को अपने फल (fruit) बांग्लादेश ले जाने में मदद की है, भले ही यूरोपीय देशों को निर्यात के हिस्से में गिरावट आई है।
    • यह फल (fruit) पूरे वर्ष बांग्लादेश को निर्यात किया जा सकता है और इस प्रकार यूरोपीय मौसम समाप्त होने पर भी अपनी उपज भेज सकते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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