बाल विवाह मुक्त भारत अभियान | 02 Dec 2024
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य भारत में बाल विवाह को समाप्त करना है।
- यह अभियान लैंगिक समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता एवं वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल: यह एक अभिनव ऑनलाइन मंच है जो नागरिकों को बाल विवाह की घटनाओं की रिपोर्ट करने, शिकायत दर्ज करने तथा देश में बाल विवाह निषेध अधिकारियों (CMPOs) के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा देता है।
- यह लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय कार्यक्रम (जो 25 नवंबर (अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस) से 10 दिसंबर (मानवाधिकार दिवस) तक चलने वाला एक वैश्विक आंदोलन है) के अनुरूप है।
- CMPO बाल विवाह को रोकते हैं, अभियोजन साक्ष्य एकत्र करते हैं, ऐसे विवाहों के खिलाफ परामर्श देते हैं, उनके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और समुदायों को संवेदनशील बनाते हैं।
- यह लैंगिक हिंसा के खिलाफ 16 दिवसीय कार्यक्रम (जो 25 नवंबर (अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस) से 10 दिसंबर (मानवाधिकार दिवस) तक चलने वाला एक वैश्विक आंदोलन है) के अनुरूप है।
- बाल विवाह के खिलाफ शपथ: इस अभियान का उद्देश्य बाल विवाह को खत्म करना और देश की प्रत्येक बेटी को सशक्त बनाना है, तथा एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाज को बढ़ावा देने में इसके गहन महत्त्व पर प्रकाश डालना है।
- यह अभियान औसत से अधिक बाल विवाह दर वाले राज्यों अर्थात पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, असम और आंध्र प्रदेश को लक्षित करेगा।
- उपलब्धियों की सराहना:
- अभियान के शुभारंभ के दौरान, मंत्री ने महिला सशक्तिकरण में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला, तथा जन्म के समय लिंगानुपात में वर्ष 2014-15 में 918 से वर्ष 2023-24 में 930 तक सुधार का ब्यौरा दिया।
- यह पोर्टल नागरिकों को सशक्त बनाने और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 को लागू करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- इस अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों के विवाह पर सख्त प्रतिबंध है।
- महत्त्व:
- लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिये समर्थन: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, यह अभियान लड़कियों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का समर्थन करने वाली पहलों के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये चल रहे सरकारी प्रयासों को दर्शाता है।
- बाल विवाह उन्मूलन: अभियान ने जागरूकता बढ़ाने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और सुकन्या समृद्धि योजना की महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
भारत में बाल विवाह से संबंधित विधायी रूपरेखा क्या है?
- विधायी रूपरेखा: भारत ने वर्ष 2006 में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पारित किया, जिसके तहत विवाह की कानूनी आयु पुरुषों के लिये 21 वर्ष तथा महिलाओं के लिये 18 वर्ष निर्धारित की गई।
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा 16 राज्य सरकारों को विशिष्ट क्षेत्रों के लिये' बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (CMPO)' नियुक्त करने की अनुमति देती है।
- सरकार ने महिलाओं की विवाह की आयु बढ़ाकर 21 वर्ष करने तथा उसे पुरुषों के समान करने के लिये 'बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक, 2021' नामक विधेयक पेश किया है। 17वीं लोकसभा के विघटन के साथ ही यह विधेयक अंततः व्यपगत हो गया।
- संबंधित कानून:
- पॉक्सो अधिनियम: 14 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं से विवाह करने वाले पुरुषों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ किया जाएगा और 14 से 18 वर्ष की आयु के बीच की बालिकाओं से विवाह करने वालों पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम (PCMA), 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त में से कौन-से अधिकार बच्चों के है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |