वायुमंडलीय नदी | 15 Apr 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

अप्रैल 2025 में अमेरिका में वायुमंडलीय नदी से संबंधित घटना के कारण अधिक वर्षा, तीव्र पवन एवं तूफान की स्थिति उत्पन्न हुई।

  • यद्यपि यह घटना नई नहीं है लेकिन जलवायु परिवर्तन और चरम मौसमी घटनाओं के कारण इस ओर ध्यान आकर्षित हो रहा है।

वायुमंडलीय नदी क्या है?

  • परिभाषा: वायुमंडलीय नदी को अक्सर "आसमान में नदी" के रूप में वर्णित किया जाता है। इसका आशय वायुमंडल में एक अपेक्षाकृत लंबी और संकीर्ण पट्टी है जो उष्णकटिबंधीय महासागरों से महाद्वीपीय क्षेत्रों में अधिक मात्रा में जलवाष्प के आवागमन में भूमिका निभाती है। पृथ्वी पर नदियों के विपरीत, ये अदृश्य होती हैं। 
    • "पाइनएप्पल एक्सप्रेस" वायुमंडलीय नदी संबंधी तूफानों का एक प्रसिद्ध उदाहरण है जिससे अमेरिका के पश्चिमी तट (विशेष रूप से कैलिफोर्निया) पर भारी वर्षा होती है।
  • विशेषताएँ: 
    • आकार और आकृति: राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) के अनुसार, वायुमंडलीय नदी 1,600 किमी तक लंबी और 400-600 किमी तक चौड़ी हो सकती हैं।
    • आर्द्रता की मात्रा: इसके द्वारा मिसिसिपी नदी के मुहाने पर जल के औसत प्रवाह के बराबर जलवाष्प ले जाई जाती है। सबसे मज़बूत स्थिति में यह सामान्य से 15 गुना अधिक तीव्र हो सकती हैं।
  • श्रेणियाँ: 
    • श्रेणी 1 (कमज़ोर): यह लाभकारी होने के साथ मृदा की नमी को बनाए रखने में सहायक है। 
    • श्रेणी 2 (मध्यम): सूखे के बाद जलाशयों को भरने के लिये अधिकतर लाभदायक, लेकिन लंबे समय तक वर्षा होने से स्थानीय बाढ़ और भूस्खलन हो सकता है।
    • श्रेणी 3 (मज़बूत): श्रेणी 3 की वायुमंडलीय नदी लाभकारी एवं खतरनाक प्रभावों के संतुलन के साथ अधिक शक्तिशाली और दीर्घकालिक होती है। इससे सूखा प्रभावित जलाशयों को भरने में मदद मिलती है, लेकिन अत्यधिक वर्षा से नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे पहले से ही जलमग्न क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
    • श्रेणी 4 (चरम): श्रेणी 4 वायुमंडलीय नदी अधिकतर खतरनाक होती है हालाँकि इसके कुछ लाभकारी पहलू भी होते हैं। इस श्रेणी का तूफान कई दिनों तक भारी वर्षा करने में सक्षम है जिससे कई नदियाँ बाढ़ की स्थिति में आ सकती हैं।
    • श्रेणी 5 (असाधारण): मुख्य रूप से खतरनाक, क्योंकि लंबे समय तक अत्यधिक वर्षा के कारण विनाशकारी बाढ़, भूस्खलन और व्यापक विनाश होता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रायः अरबों डॉलर की आर्थिक क्षति होती है।
  • गठन: AR का निर्माण तब होता है जब सामान्यतः उष्णकटिबंधीय (जैसे कि मध्य प्रशांत और हिंद महासागर का अधिकांश भाग) या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (दक्षिणी कैलिफोर्निया) में उष्ण महासागरीय जल के कारण वाष्पीकरण का स्तर उच्च हो जाता है, जिससे वायुमंडल में नमी बढ़ जाती है। 
    • निम्न-स्तरीय जेट धाराएँ (निचले वायुमंडल में तीव्र गति से चलने वाली पवनें) आर्द्र वायु को उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से मध्य अक्षांशों की ओर ले जाती हैं।
    • जब नम वायु पर्वत शृंखलाओं या वाताग्रीय सीमाओं (Frontal Boundaries) द्वारा ऊपर की ओर बढती है, तो वह वर्षा या हिम में संघनित हो जाती है।
  • महत्त्व: AR पर्वतीय क्षेत्रों में हिम की मात्रा बढ़ाकर जलापूर्ति को पुनः प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
    • AR मध्य अक्षांशों में ध्रुव की ओर 90% से अधिक जल वाष्प परिवहन के लिये ज़िम्मेदार हैं तथा भू-स्थल पर पहुँचने पर अत्यधिक वर्षा उत्पन्न कर सकते हैं।
  • भारत में वायुमंडलीय नदी (AR): एक अध्ययन के अनुसार वर्ष 1951 से वर्ष 2020 की अवधि में भारत में वायुमंडलीय नदी (AR) की 596 प्रमुख घटनाएँ हुईं, जिनमें से 95% से अधिक ग्रीष्मकालीन मानसून ऋतु (जून से सितंबर) के दौरान हुईं। 
    • उल्लेखनीय रूप से, वर्ष 1985 से वर्ष 2020 की अवधि में हुई बाढ़ की प्रमुख घटनाओं में से 70% वायुमंडलीय नदी के कारण घटित हुईं, जिनमें वर्ष 2013 की विनाशकारी उत्तराखंड बाढ़, वर्ष 2018 की केरल बाढ़ और वर्ष 2007 की दक्षिण एशियाई बाढ़ शामिल हैं। 
    • हाल के दशकों में वायुमंडलीय नदी की घटनाओं की आवृत्ति और उग्रता बढ़ गई है, विशेष रूप से सिंधु-गंगा के मैदानों और प्रायद्वीपीय भारत में, जिसके कारण व्यापक विनाश और जान-माल की हानि हुई।
  • जलवायु परिवर्तन का AR पर प्रभाव: वैश्विक तापमान बढ़ने के साथ AR का प्रभाव तीव्र हो रहा है। कोष्ण वायु प्रत्येक 1°C वृद्धि पर लगभग 7% अधिक आर्द्रता धारण कर सकती है, जिससे ARजनित तूफान अधिक प्रबल हो जाते हैं। 
    • आगामी समय में वायुमंडलीय नदियाँ अधिक लंबी, चौड़ी और अधिक तीव्र होंगी, जिससे वायुमंडलीय नदी की चरम घटनाएँ दोगुनी हो जाएंगी तथा सुभेद्य क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अंटार्कटिक क्षेत्र में ओज़ोन छिद्र का होना चिंता का कारण रहा है। इस छिद्र के बनने का कारण क्या होगा? (2011)

(a) प्रमुख क्षोभमंडल विक्षोभ की उपस्थिति; और क्लोरोफ्लोरो कार्बन का अंतर्वाह।
(b) प्रमुख ध्रुवीय वाताग्र और समतापमंडलीय बादलों की उपस्थिति; और क्लोरोफ्लोरोकार्बन का अंतर्वाह।
(c) ध्रुवीय वाताग्र और समतापमंडलीय बादलों की अनुपस्थिति; और मीथेन और क्लोरोफ्लोरोकार्बन का अंतर्वाह।
(d) वैश्विक तापन के कारण ध्रुवीय क्षेत्र में तापमान में वृद्धि

उत्तर: (b)