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मुंबई में कृत्रिम भित्तियों का निर्माण

  • 15 Apr 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

समुद्री जीवन को बढ़ावा देने के लिये भारत की कृत्रिम भित्तियों की दूसरी स्थापना (पुद्दुचेरी के बाद) मुंबई के वर्ली कोलीवाड़ा के पास की जा रही है।

पुनर्नवीनीकरण कंक्रीट व स्टील से बनी 210 रीफ इकाइयाँ 500 मीटर दूर तट पर स्थापित की गई हैं, और एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र के शुरुआती संकेत दिखाने में 3 माह लगेंगे।

कृत्रिम भित्तियाँ:

  • ये मनुष्यों द्वारा बायोरॉक तकनीक के माध्यम से बनाई गई संरचनाएँ हैं और मीठे पानी या खारे पानी के वातावरण में समुद्र तल स्थापित की गई हैं।
    • बायोरॉक तकनीक का आविष्कार वुल्फ हिल्बर्ट्ज़ ने किया था। इस तकनीक में स्टील संरचना के पास रखे गए इलेक्ट्रोड का उपयोग करके जल के माध्यम से कम विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है।
    • यह प्रवाह चुंबक की तरह काम करती है, घुले हुए खनिजों, विशेष रूप से कैल्शियम और कार्बोनेट आयनों को आकर्षित करती है, जिससे प्राकृतिक प्रवाल भित्तियों के समान कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) परत बनती है।
  • ये भित्तियाँ महत्त्वपूर्ण कठोर सतह का निर्माण करती हैं जिनसे शैवाल, बार्नाकल, प्रवाल और सीप खुद को मज़बूती से जोड़ सकते हैं।
  • ये भित्तियाँ मछलियों के लिये आवास बनाएँगी, कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करेंगी और मछली पकड़ने वाले स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करेंगी।

Artificial_Reefs

और पढ़ें: प्रवाल भित्तियाँ, बायोरॉक प्रौद्योगिकी

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