नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

अनुच्छेद 101(4)

  • 25 Feb 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

एक निर्दलीय सांसद ने लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के कारण अपनी लोकसभा सीट के रिक्त घोषित किये जाने की चिंता को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया है।

अनुच्छेद 101(4):

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 101 संसद में सीटों की रिक्तता, निरर्हता और दोहरी सदस्यता से संबंधित है।
  • संविधान के अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, यदि संसद‌ के किसी सदन का कोई सदस्य साठ दिन की अवधि तक सदन की अनुज्ञा के बिना उसके सभी अधिवेशनों से अनुपस्थित रहता है तो सदन उसके स्थान को रिक्त घोषित कर सकेगा। 
    • हालाँकि, साठ दिन की उक्त अवधि की संगणना करने में किसी ऐसी अवधि को हिसाब में नहीं लिया जाएगा जिसके दौरान सदन सत्रावसित या निरंतर चार से अधिक दिनों के लिये स्थगित रहता है।
    • इस प्रावधान का उद्देश्य विधायी कार्रवाई में सांसदों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करना है। 
  • कोई स्थान अथवा सीट तभी रिक्त होती है जब सदन औपचारिक रूप से मतदान के माध्यम से उसे रिक्त घोषित कर दे, स्वतः नहीं।
    • राज्यसभा सांसद बरजिंदर सिंह हमदर्द को निरंतर अनुपस्थित रहने के कारण वर्ष 2000 में अनुच्छेद 101(4) के तहत अनर्ह घोषित कर दिया गया था।
  • अवकाश मांगने की प्रक्रिया:
    • सांसदों को सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति से अवकाश मांगना होता है, जो सदन को समीक्षा करके सूचना देती है। इसके पश्चात् सदन अनुमोदन या अस्वीकृति पर मतदान करता है।
    • एक बार में अधिकतम 59 दिनों के लिये अवकाश स्वीकृत किया जाता है तथा सांसदों द्वारा  विस्तारित अनुपस्थिति के लिये पुनः अनुरोध किया जाना होता है।

और पढ़ें: प्रमुख संवैधानिक संशोधन: भाग 1 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2