अर्थ गंगा परियोजना | 27 Aug 2022
हाल ही में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक ने विश्व जल सप्ताह 2022 के दौरान अर्थ गंगा परियोजना के संदर्भ में चर्चा की।
अर्थ गंगा परियोजना
- परिचय:
- 'अर्थ गंगा' का तात्पर्य गंगा से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान देने के साथ सतत् विकास मॉडल विकसित करना है।
- दिसंबर 2019 में संपन्न हुई राष्ट्रीय गंगा परिषद (National Ganga Council- NGC) की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री ने गंगा नदी से संबंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही ‘नमामि गंगे’ परियोजना को ‘अर्थ-गंगा’ जैसे सतत् विकास मॉडल में परिवर्तित करने का आग्रह किया था।
- अर्थ गंगा के तहत सरकार छह कार्यक्षेत्रों पर काम कर रही है:
- पहला ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती है, जिसमें नदी के दोनों ओर 10 किमी. तक रासायनिक मुक्त खेती और गोबर-धन योजना के माध्यम से खाद के रूप में गोबर को बढ़ावा देना शामिल है।
- दूसरा कचरा और अपशिष्ट जल का मुद्रीकरण एवं पुन: उपयोग करना है, जिसमे शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के लिये सिंचाई, उद्योगों तथा राजस्व सृजन हेतु उपचारित जल का पुन: उपयोग करना शामिल है।
- अर्थ गंगा में हाट बनाकर आजीविका सृजन के अवसर भी शामिल होंगे जहाँ लोग स्थानीय उत्पाद, औषधीय पौधे और आयुर्वेदिक उत्पाद बेच सकते हैं।
- चौथा है नदी से जुड़े हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाकर जनभागीदारी बढ़ाना।
- मॉडल नाव पर्यटन, साहसिक खेलों और योग गतिविधियों के माध्यम से गंगा एवं उसके आसपास की सांस्कृतिक विरासत तथा पर्यटन को बढ़ावा देगा।
- मॉडल उचित जल प्रशासन के लिये स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाकर संस्थागत विकास को बढ़ावा देगा।
विश्व जल सप्ताह
- जल सप्ताह वैश्विक जल मुद्दों पर वार्षिक सम्मेलन है जो प्रत्येक वर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाता है।
- इसका आयोजन वर्ष 1991 में शुरू किया गया था और प्रारंभ में स्वीडिश राजधानी स्टॉकहोम में सार्वजनिक जल उत्सव का हिस्सा था।
- स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान (SIWI) विश्व जल सप्ताह का आयोजक है।
- विश्व जल सप्ताह जलवायु संकट, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और कई अन्य विषयों जैसी चुनौतियों के जल पहलुओं का पता लगाने का अवसर है।
- इस सप्ताह को सतत् विकास लक्ष्य 6 (SDG6) की दिशा में चर्चा और प्रगति में तेज़ी लाने के अवसर के रूप में भी देखा जाता है, जो सभी के लिये स्वच्छ जल और स्वच्छता को सुनिश्चित करने का लक्ष्य प्रदान करता है।
- विश्व जल सप्ताह 2022 का विषय "सीईंग द अनसीन: द वैल्यू ऑफ वाटर" (Seeing the Unseen: The Value of Water) है।
- विषय तीन मुख्य क्षेत्रों, लोगों के बीच जल का मूल्य और विकास; प्रकृति और जलवायु परिवर्तन के संबंध में जल का मूल्य; और जल के आर्थिक और वित्तीय मूल्य को संबोधित करता है।
नमामि गंगे कार्यक्रम:
- नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा ‘फ्लैगशिप कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था, ताकि प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
- यह जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग तथा जल शक्ति मंत्रालय के तहत संचालित किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) और इसके राज्य समकक्ष संगठनों यानी राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूहों (SPMGs) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- NMCG राष्ट्रीय गंगा परिषद की कार्यान्वयन शाखा है, यह वर्ष 2016 में स्थापित किया गया था जिसने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) को प्रस्थापित किया।
- इसके पास 20,000 करोड़ रुपए का केंद्रीय वित्तपोषित, गैर-व्यपगत कोष है और इसमें लगभग 288 परियोजनाएँ शामिल हैं।
- कार्यक्रम के मुख्य स्तंभ:
- सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर
- रिवर फ्रंट डेवलपमेंट
- नदी-सतह की सफाई
- जैव विविधता
- वनीकरण
- जन जागरण
- औद्योगिक प्रवाह निगरानी
- गंगा ग्राम
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सी 'राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA)' की प्रमुख विशेषताएँ हैं??
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) व्याख्या:
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