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MTBVAC के द्वितीय चरण परीक्षणों को मंज़ूरी

  • 09 May 2024
  • 2 min read

स्रोत :द हिंदू 

हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन( Central Drug Standard Control Organisation  - CDSCO) ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Live Attenuated) वैक्सीन के द्वितीय चरण के नैदानिक ​​परीक्षण आयोजित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। 

  • MTBVAC भारत में वयस्कों में नैदानिक ​​​​परीक्षण प्रारंभ करने के लिये मानव स्रोत से प्राप्त माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के विरुद्ध पहला टीका है।
  • भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने स्पेनिश जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोफैब्री के सहयोग से भारत में MTBVAC की सुरक्षा, प्रतिरक्षाजन्यता एवं प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिये नैदानिक ​​​​परीक्षणों की एक शृंखला प्रारंभ की है। 
  • MTBVAC को दो उद्देश्यों के लिये विकसित किया जा रहा है, नवजात बच्चों के लिये  BCG (बैसिलस कैलमेट और गुएरिन) की तुलना में अधिक प्रभावी और संभावित रूप से लंबे समय तक चलने वाला टीका तथा वयस्कों और किशोरों में तपेदिक (TB) की रोकथाम के लिये टीका विकसित करना, जिनके लिये वर्तमान में कोई प्रभावी टीका नहीं है।
  • MTBVAC नैदानिक ​​​​परीक्षणों में तपेदिक के विरुद्ध एकमात्र टीका है जो मनुष्यों से पृथक किये गये रोगज़नक माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के आनुवंशिक रूप से संशोधित रूप पर आधारित है।
  • BCG, गौवंशीय पशुओं में पाए जाने वाले TB रोगज़नक का एक क्षीण प्रकार है जो मानव में होने वाली तपेदिक से सौ वर्ष से अधिक पुराना है तथा मानवों में होने वाली तपेदिक पर इसका बहुत सीमित प्रभाव होता है।

और पढ़ें : ट्यूबरकुलोसिस

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