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प्रारंभिक परीक्षा

प्रतिजैविक प्रतिरोध

  • 11 Feb 2025
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

स्वास्थ्य सेवा में व्यापक रूप से प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) उपयोग ने ड्रग रिज़िस्टन्स बैक्टीरिया को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण वर्ष 2021 के दौरान में वैश्विक स्तर पर रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के कारण लगभग 1.2 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई है।

  • भारतीय अस्पतालों के अनुसार ड्रग रिज़िस्टन्स बैक्टीरिया (औषधि प्रतिरोधी जीवाणु) के कारण होने वाले संक्रमण में मृत्यु दर 13% है।

प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) प्रतिरोध क्या है?

  • प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स): प्रतिजैविक जीवाणु (एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया) को मारकर या उनकी वृद्धि और गुणन को रोककर मनुष्यों एवं जानवरों में जीवाणु संक्रमण का निदान किया जाता है।
    • वे जीवाणु संरचनाओं या प्रक्रियाओं को लक्ष्य बनाते हैं, जिससे मानव कोशिकाओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।
  • प्रतिजैविक का कार्य: बैक्टीरिया कोशिकाओं में पेप्टिडोग्लाइकन से बनी एक सुरक्षात्मक कोशिका भित्ति होती है। इसके दो प्रमुख घटक ग्लाइकेन और पेप्टाइड्स हैं।
    • पेनिसिलिन जैसे एंटीबायोटिक्स पेप्टाइड क्रॉसलिंक्स को बाधित करके बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति को कमज़ोर कर देते हैं, जिससे बैक्टीरिया की मृत्यु हो जाती है।  
  • प्रतिजैविक प्रतिरोध का विकास: जब जीवाणु प्रतिरोधी जीन प्राप्त कर लेते हैं या उनमें उत्परिवर्तन हो जाता है, तो प्रतिजैविक प्रतिरोध विकसित हो जाता है, जिससे संक्रमण का निदान अधिक कठिन हो जाता है।
    • बैक्टीरिया (जीवाणु) विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रतिरोध विकसित करते हैं जैसे:
      • पेनिसिलिन के विरुद्ध पेनिसिलिनेस जैसे एंज़ाइम का उत्पादन करना, जो एंटीबायोटिक अणुओं को तोड़ता है।
      • एंटीबायोटिक के प्रभाव से बचने के लिये अपनी संरचना में संशोधन करना। 
  • नई रणनीति: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बैक्टीरिया अधूरे कार्यों को कर सकते हैं, नुकूलता में वृद्धि कर सकते हैं तथा प्रतिजैविक प्रतिरोध के साथ प्रतिस्पर्द्धा को कठिन बना सकते हैं।

Antibiotics_Resistance

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से, भारत में सूक्ष्मजैविक रोगजनकों में बहु-औषध प्रतिरोध के होने के कारण हैं? (2019)

  1. कुछ व्यक्तियों में आनुवंशिक पूर्ववृत्ति (जेनेटिक प्रीडिस्पोज़ीशन) का होना।
  2.   रोगों के उपचार के लिये वैज्ञानिकों (एंटिबॉयोटिक्स) की गलत खुराकें लेना।
  3.   पशुधन फार्मिंग प्रतिजैविकों का इस्तेमाल करना।
  4.   कुछ व्यक्तियों में चिरकालिक रोगों की बहुलता होना।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4 

उत्तर: (b) 


प्रश्न. भारत में न्यूमोकोकल संयुग्मी वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine) के उपयोग का क्या महत्त्व है? 

  1. ये वैक्सीन न्यूमोनिया और साथ ही तानिकाशोथ और सेप्सिस के विरुद्ध प्रभावी हैं। 
  2. उन प्रतिजैविकियों पर निर्भरता कम की जा सकती है जो औषध-प्रतिरोधी जीवाणुओं के विरुद्ध प्रभावी नहीं हैं। 
  3. इन वैक्सीन के कोई गौण प्रभाव (side effects) नहीं हैं और न ही ये वैक्सीन कोई प्रत्यूर्जता सम्बन्धी अभिक्रियाएँ (allergic reactions) करती हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1,2 और 3

उत्तर: (b)

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