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अमृत प्रौद्योगिकी

  • 12 Dec 2023
  • 4 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन और भारतीय प्रौद्योगिकी द्वारा आर्सेनिक और धातु निष्कासन (AMRIT) की प्रगति पर प्रकाश डाला है।

अमृत (AMRIT) प्रौद्योगिकी क्या है?

  • यह तकनीक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मद्रास द्वारा विकसित की गई थी। इसे पानी से आर्सेनिक और धातु आयनों को हटाने, पानी की गुणवत्ता के मुद्दों को संबोधित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • प्रौद्योगिकी नैनो-स्केल आयरन ऑक्सी-हाइड्रॉक्साइड का उपयोग करती है, जो पानी से गुज़रने पर आर्सेनिक को प्रमुख रूप से हटा देती है।
  • AMRIT घरेलू और सामुदायिक स्तर पर जल शुद्धिकरण दोनों के लिये लागू है।
  • यह तकनीक जल जीवन मिशन के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने योग्य नल का पानी उपलब्ध कराना है।
  • पेयजल और स्वच्छता विभाग की 'स्थायी समिति' द्वारा जल और स्वच्छता चुनौतियों के समाधान पर विचार के लिये इस प्रौद्योगिकी की सिफारिश की गई है।

नोट:

  • आर्सेनिक भू-पर्पटी का एक प्राकृतिक घटक है जो वायु, जल और भूमि में पूरे पर्यावरण में व्यापक रूप से वितरित है। यह अपने अकार्बनिक रूप में अत्यधिक विषैला होता है।
  • पेयजल और भोजन से लंबे समय तक आर्सेनिक के संपर्क में रहने से कैंसर और त्वचा पर घाव हो सकते हैं। आर्सेनिक की लगातार विषाक्तता से ब्लैकफूट रोग (BFD) हो सकता है, जो निचले अंगों में रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है।

जल जीवन मिशन क्या है?

  • परिचय:
    • वर्ष 2019 में लॉन्च किये गए जल जीवन मिशन की परिकल्पना सतत् विकास लक्ष्य- 6 (सभी के लिये स्वच्छ जल और स्वच्छता) के तहत ग्रामीण भारत के सभी घरों में वर्ष 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ, सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने हेतु की गई है।
    • इसमें वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना की गई है।
    • भारत सरकार ने जल जीवन मिशन (शहरी) भी लॉन्च किया है जिसे भारत के सभी 4,378 वैधानिक शहरों में कार्यात्मक नल के माध्यम से जल आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
  • उद्देश्य
    • नल और सीवर कनेक्शन सुरक्षित करना।
    • जल निकायों का पुनर्जीवन।
    • एक चक्राकार जल अर्थव्यवस्था बनाना।
  • जल जीवन मिशन की प्रगति:
    • अगस्त 2019 में केवल 16.8% ग्रामीण घरों में नल के जल का कनेक्शन था। दिसंबर 2023 तक यह बढ़कर लगभग 71.51% हो गया।
    • नल जल आपूर्ति की प्रतीक्षा कर रही सभी 378 आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों को सामुदायिक जल शोधन संयंत्रों (CWPP) के माध्यम से सुरक्षित पेयजल प्राप्त होने की सूचना है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:  

प्रश्न. जल तनाव क्या है? भारत में यह क्षेत्रीय रूप से कैसे और क्यों भिन्न है? (2019)

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