एयरलाइन टर्बुलेंस | 11 Jul 2022

हाल ही में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइसजेट को सुरक्षित विमान सेवा में गिरावट को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

ऐसी घटनाओं का कारण:

  • वित्तीय कारण:
    • स्पाइसजेट ने 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त नौ महीने की अवधि के लिये 1,259.21 करोड़ रुपए का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया और अभी तक पूरे वित्तीय वर्ष 2022 के लिये अपने परिणाम घोषित नहीं किये हैं।
      • यह उन स्थितियों की ओर इंगित करता है जब एक एयरलाइन कंपनी विक्रेताओं को भुगतान करने में सक्षम नहीं होती है और स्पेयर पार्ट्स की कमी हो जाती है, क्योंकि अधिकांश विक्रेता "कैश और कैरी" आधार पर व्यवसाय करते हैं।
  • दोषों को नज़रअंदाज़ करना:
    • कई पायलट संगठनात्मक संस्कृति को दोष देते हैं जहांँ पायलटों को दोषों के अनसुलझे होने के बावजूद उड़ान भरने के लिये मजबूर किया जाता है और नियमों कि अवहेलना की जाती है।
      • उदाहरण के लिये मार्च 2022 में एक प्रशिक्षण केंद्र में DGCA की जांँच में पता चला कि स्पाइसजेट दोषपूर्ण स्टिक शेकर (जो पायलट को आसन्न गिरावट की चेतावनी देता है) के बावजूद अपने पायलटों को अनुरूपक (Simulator) पर प्रशिक्षण दे रहा था।
      • प्रशिक्षण कुख्यात बोइंग 737 मैक्स विमानों की सेवा में वापसी का हिस्सा था, जिनकी उड़ान को दो हवाई दुर्घटनाओं के बाद दुनिया भर में रोक दिया गया था।
        • DGCA ने स्पाइसजेट के 90 पायलटों को मैक्स विमानों की उड़ान भरने से रोक दिया जब तक कि उन्हें फिर से प्रशिक्षित नहीं किया गया।

DGCA:

  • यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है
  • यह नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में नियामक निकाय है जो मुख्य रूप से सुरक्षा मुद्दों से निपटता है।
  • यह भारत में/से/के भीतर हवाई परिवहन सेवाओं के नियमन और नागरिक हवाई नियमों, हवाई सुरक्षा तथा उड़ान योग्यता मानकों को लागू करने के लिये ज़िम्मेदार है।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के साथ सभी नियामक कार्यों का समन्वय भी करता है।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के साथ सभी नियामक कार्यों का समन्वय भी करता है।

DGCA के कार्य:

  • विमान नियम 1937, DGCA को 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने, किसी भी विमान को हिरासत में लेने का अधिकार देता है यदि इससे विमान में व्यक्तियों या किसी अन्य व्यक्ति या संपत्ति को खतरा हो उत्पन्न है।
  • नियामक एयरलाइन के एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) को भी निलंबित कर सकता है या एयरलाइन के शेड्यूल, यानी उड़ानों को कम कर सकता है, जो देश में वाणिज्यिक हवाई सेवाओं की पेशकश के लिये एक शर्त है ।

स्रोत: द हिंदू