एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल | 15 Feb 2023
हाल ही में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल (ALUAV) के एक प्रोटोटाइप का वर्ष 2023 में उड़ान परीक्षण किये जाने की संभावना है।
- एयरो इंडिया 2023 में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने एयर शो में F-35 स्टील्थ विमान की संभावित भागीदारी का भी जिक्र किया।
एयरो इंडिया 2023:
- 13 फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री ने एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन किया, जो भारत के बंगलूरू में भारत वायु सेना स्टेशन में पाँच दिवसीय कार्यक्रम है।
- इस वर्ष की थीम 'द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटी' है और इसका फोकस एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षमताओं में भारत की वृद्धि को प्रदर्शित करने पर है।
- एयरो इंडिया 2023 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' विज़न के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करेगा।
- एयरो इंडिया के प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, SAAB, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) आदि शामिल हैं।
ALUAV परियोजना:
- वर्ष 2021 में भारतीय रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा विभाग ने रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) में संयुक्त कार्य समूह वायु प्रणाली के तहत ALUAV के लिये एक परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- ALUAV को एक विमान, विशेष रूप से C130J विमान से लॉन्च करने के लिये विकसित किया जा रहा है।
- बंगलूरू स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) और अमेरिकी वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला में स्थापित एयरोस्पेस सिस्टम निदेशालय परियोजना में शामिल प्रमुख संगठन हैं।
- परियोजना समझौते में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी शामिल है, जिसे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
- भारत और अमेरिका एक मुक्त एवं खुले, समृद्ध, कनेक्टिंग तथा लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ काम कर रहे हैं जिससे लोकतंत्र संवर्द्धित होगा।
एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल (ALUAV):
- ALUAV एक प्रकार का ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicle- UAV) है जो आमतौर पर एक सैन्य परिवहन विमान है और इसे विमान से लॉन्च किया जाता है।
- ALUAV को सेना को हवाई टोही, निगरानी और खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमता प्रदान करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- ALUAV सामान्यतः उन्नत संवेदक और संचार उपकरणों से लैस है एवं उच्च ऊँचाई के साथ विस्तारित अवधि हेतु काम कर सकता है।
रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी पहल (Defence Trade and Technology Initiative- DTTI):
- परिचय:
- DTTI भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य सैन्य प्रौद्योगिकी विकास एवं व्यापार में सहयोग के माध्यम से अपने रक्षा संबंधों को मज़बूत करना है।
- यह पहल वर्ष 2012 में शुरू की गई थी तथा इसे रक्षा निर्माण, अनुसंधान और विकास एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सहयोग की सुविधा हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच मज़बूत रक्षा साझेदारी स्थापित कर सैन्य बलों की अंतर-क्षमता और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
- परियोजनाएँ: DTTI के तहत परियोजनाओं की पहचान निकट, मध्यम और दीर्घकालिक परियोजनाओं के रूप में की गई है।
- अब तक शामिल निकट अवधि की परियोजनाओं में एयर-लॉन्च स्मॉल अनमैन्ड सिस्टम्स, लाइटवेट स्मॉल आर्म्स टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस-सर्विलांस-टारगेटिंग एंड रिकोनिसेंस (ISTAR) प्रणाली शामिल हैं।
- मध्यम अवधि की परियोजनाओं की पहचान समुद्री डोमेन जागरूकता समाधान और विमान रखरखाव या VAMRAM के लिये आभासी संवर्द्धित मिश्रित वास्तविकता (Virtual Augmented Mixed Reality) है।
- भारतीय सेना के लिये दो दीर्घकालिक परियोजनाएँ- टेरेन शेपिंग ऑब्सटेकल (घातक युद्ध सामग्री) तथा काउंटर-यूएएस, रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार (CURAM) प्रणाली नामक ड्रोन-रोधी तकनीक हैं।