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AI-संचालित निर्वाचन आउटरीच

  • 01 May 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

जैसे-जैसे भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और संवर्धित वास्तविकता (AR) जैसी तकनीकों का उपयोग, राजनेताओं के संभावित मतदाताओं के साथ संबोधन तथा उन तक उनकी पहुँच को तेज़ी से बदल रहा है।

  • AI-जनरेटेड वार्तालाप: इसमें मतदाताओं को कॉल करने और जनरेटिव AI का उपयोग करके उनके मुद्दों का जवाब देने तथा स्थिति में सुधार करने के वचन करने के लिये एक स्थानीय नेता की वास्तविक आवाज़ उत्पन्न करना शामिल है।
  • संवर्धित वास्तविक रैलियाँ: राजनीतिक दल अपने वास्तविक दुनिया के माहौल में मतदाताओं को संदेश देने वाले राजनेताओं की कंप्यूटर-जनित छवियाँ बनाने के लिये AR तकनीक का उपयोग करते हैं, जिन्हें QR कोड के माध्यम से एक्सेस किया जाता है।
  • सोशल मीडिया डीपफेक: मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित करने के लिये सकारात्मक और नकारात्मक संदेश देने के लिये राजनेताओं तथा बॉलीवुड हस्तियों के AI-जनरेटेड डीपफेक का उपयोग सोशल मीडिया एवं मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है।
  • साक्षरता और पारदर्शिता के बारे में चिंताएँ: इन तकनीकों का व्यापक उपयोग गलत सूचना की संभावना और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करता है, विशेष रूप से ऐसे देश में जहाँ डिजिटल साक्षरता की अलग-अलग डिग्री वाले इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की एक बड़ी और विविध आबादी है।

और पढ़ें: डीपफेक: अवसर, खतरे और विनियमन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता

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