अग्नि-4 मिसाइल | 10 Sep 2024

स्रोत: पी.आई.बी

अग्नि-4 मिसाइल को ओडिशा के चाँदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।

  • इस प्रक्षेपण ने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया। यह प्रक्षेपण सामरिक बल कमान (SFC) के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
  • अग्नि-4 DRDO द्वारा विकसित मध्यम से अंतरमहाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की अग्नि शृंखला में चौथी मिसाइल है।
    • यह नाम संस्कृत शब्द 'अग्नि' से आया है जिसका अर्थ है 'आग' और यह प्रकृति के पाँच तत्त्वों  में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।
  • अग्नि-4 एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसे ज़मीन या समुद्र से प्रक्षेपित करके ज़मीन या समुद्र पर स्थित लक्ष्यों को भेदने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • अग्नि-4 मिसाइल की मारक क्षमता 4,000 किलोमीटर है, इसकी लंबाई 20 मीटर है तथा यह 1,000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकती है।
  • SFC भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण (NCA) का हिस्सा है। यह देश के सामरिक और रणनीतिक परमाणु हथियारों के भंडार के प्रबंधन व प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार है।
    • NCA दो भागों से बना है: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राजनीतिक परिषद, जो परमाणु हथियारों का उपयोग करने का अधिकार रखने वाली एकमात्र संस्था है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली कार्यकारी परिषद, जो निर्णय लेने के लिये सुझाव प्रदान करती है तथा राजनीतिक परिषद के निर्देशों का क्रियान्वयन करती है।


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