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अफ्रीकी संघ द्वारा गधे की खाल के व्यापार पर प्रतिबंध

  • 23 Feb 2024
  • 9 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में इथियोपिया में 37वें अफ्रीकी संघ शिखर सम्मेलन, 2024 के दौरान, अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों ने सर्वसम्मति से गधे की खाल के व्यापार पर ऐतिहासिक प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्यक्त की, जिससे उनकी खाल के लिये पूरे महाद्वीप में गधों की हत्या पर रोक लगा दी गई।

  • दिसंबर 2022 में पहले अफ्रीकी यूनियन इंटर अफ्रीकन ब्यूरो फॉर एनिमल रिसोर्स (AU-IBAR), गधों के संरक्षण हेतु पैन-अफ्रीकी सम्मेलन में अपनाई गई दार एस सलाम घोषणा के बाद यह एक महत्त्वपूर्ण परिणाम है।

दार एस सलाम घोषणा पत्र क्या है?

  • परिचय:  
    • दार एस सलाम घोषणा पर तंजानिया में AU-IBAR द्वारा आयोजित पैन अफ्रीकन गधे की खाल पर आयोजित सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे, जहाँ सरकार के मंत्री अफ्रीका में अन्य जानवरों तथा गधे की खाल के व्यापार के हानिकारक प्रभावों को समझने के लिये एकत्र हुए थे।
    • यह अफ्रीका के गधों की आबादी में तेज़ी से कमी को रेखांकित करता है और साथ ही प्रजातियों की सुरक्षा के लिये अनुसंधान, नीतियों एवं कानून में निवेश बढ़ाने की वकालत भी करता है।
    • यह अफ्रीकी संघ आयोग के एक प्रस्ताव का समर्थन करता है जिसमें इन मुद्दों को वैश्विक विकास एजेंडे में शामिल करने हेतु गधों की खाल के लिये व्यावसायिक हत्या पर 15 वर्ष  का प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। इसमें एक अफ्रीकी रणनीति  के विकास का भी आह्वान किया गया है जो उत्पादकता, उत्पादन और शोषण को भी संबोधित करें।

गधे की खाल का व्यापार क्यों किया जाता है?

  • परिचय: 
    • गधे की खाल का व्यापार अधिकांश क्षेत्रों में अनियंत्रित है और उनकी खाल प्राप्त करने के लिये उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है तथा क्रूरता से उनको मार दिया जाता है जिसे बाद में चीन को निर्यात किया जाता है।
      • यह व्यापार कुछ देशों में अवैध है और कुछ देशों में वैध है जिससे विश्व भर में उनकी खाल प्राप्त करने के उन्हें पीड़ा दी जाती है तथा उनके साथ क्रूरतापूर्ण  व्यवहार किया जाता है।
  • उपयोग: 
    • गधे की खाल से प्राप्त कोलेजन का उपयोग एजियाओ (Ejiao) (एक पारंपरिक चीनी औषधि) नामक उत्पाद बनाने के लिये किया जाता है, जिसका उपयोग भोजन, पेय और सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है।
  • नकारात्मक प्रभाव:
    • गधों के संबंध में: खाल के व्यापार में, उनकी खरीद से लेकर हत्या तक, गधों के साथ अमानवीय कृत्य किये जाते हैं तथा विगत एक दशक में असंख्य गधों की हत्या की गई।
    • उनके पालकों के संबंध में: गधे की खाल का वैश्विक व्यापार निर्धनता उन्मूलन सहित संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से न्यूनतम नौ लक्ष्य प्राप्त करने के प्रयासों को खतरे में डालता है क्योंकि गधे लाखों लोगों के लिये आजीविका के स्रोत के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं।
      • कई क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों द्वारा गधों को पानी लाने तथा उसे समान ढोने वाले पशु के रूप में उपयोग किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप गधे की खाल का व्यापार से उक्त वर्गों पर प्रभाव पड़ता है जिससे उनके आर्थिक एवं शैक्षणिक अवसर कम हो जाते हैं।

भारतीय वन्य गधे से संबंधित मुख्य तथ्य:

  • यह एशियाई वन्य गधे (इक्वस हेमिओनस) की उप-प्रजाति है।
  • इसकी विशेषता पूँछ के अगले हिस्से और कंधे के पिछले हिस्से पर विशिष्ट सफेद निशान तथा पीठ के नीचे एक धारी है जो सफेद रंग की होती है।
  • वितरण: विश्व में भारतीय जंगली गधों की आखिरी आबादी कच्छ के रण, गुजरात तक ही सीमित है।
  • प्राकृतिक आवास: रेगिस्तान और घास के मैदान पारिस्थितिकी तंत्र। 
  • संरक्षण की स्थिति:
    • IUCN: संकटापन्न (Near Threatened)  
    • CITES: परिशिष्ट-II
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972): अनुसूची-I 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. वन्यजीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा, विधि द्वारा किये गए कतिपय उपबंधों  के अधीन होने के सिवाय निम्नलिखित में से कौन-सा/से प्राणी का शिकार नहीं किया जा सकता है? (2017)

  1. घड़ियाल
  2. भारतीय जंगली गधा
  3. जंगली भैंस

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d) 

व्याख्या:

  • घड़ियाल, भारतीय जंगली गधे और जंगली भैंस सभी वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध हैं।
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 कानून द्वारा प्रदान किये गए कुछ प्रावधानों को छोड़कर अधिनियम की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किसी भी प्राणी के शिकार पर प्रतिबंध लगाता है।
  •  इसके अलावा, अधिनियम की धारा 11 में कहा गया है कि मुख्य वन्य जीवन वार्डन, यदि वह संतुष्ट है कि अनुसूची-I में निर्दिष्ट कोई भीवन्य-जीव मानव जीवन के लिये खतरा हो गया है अथवा इतना अक्षम या बीमार है कि उसे ठीक करना असंभव है, तो वह लिखित आदेश द्वारा और कारण बताते हुए किसी भी व्यक्ति को ऐसे जीव/जंतु का शिकार करवाने की अनुमति दे सकता है।
  • अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की रक्षा के लिये सद्भावनापूर्वक किसी वन्य जीव को मारना या घायल करना अपराध नहीं होगा।

अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।


Q. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है? (2012) 

(a) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा
(b) कश्मीर महामृग, चीतल, नीलगाय और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
(c) हिम तेंदुआ, अनूप मृग, रीसस बंदर और सारस (क्रेन)
(d) सिंहपुच्छी मेकाक, नीलगाय, हनुमान लंगूर और चीतल

उत्तर: (a)


Q. रेतीला और खारा क्षेत्र एक भारतीय पशु प्रजाति का प्राकृतिक आवास है। जानवर का उस क्षेत्र में कोई शिकारी नहीं है, लेकिन इसके निवास स्थान के विनाश के कारण इसके अस्तित्व को खतरा है। निम्नलिखित में से कौन-सा जानवर हो सकता है? (2011) 

(a) भारतीय वन्य भैंस  
(b) भारतीय वन्य गधा 
(c) भारतीय वन्य सूअर 
(d) भारतीय चिकारा 

उत्तर: (b)

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