CAA के तहत अफगान सिखों की नागरिकता | 14 Aug 2024

स्रोत: द हिंदू

एक उल्लेखनीय घटना में हाल ही में नई दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 के तहत बीस अफगान सिखों को नागरिकता प्रदान की गई, जो कई दीर्घकालिक वीज़ा धारकों के लिये एक महत्त्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करता है, जो दशकों से भारतीय नागरिकता चाहते थे।

  • कुछ आवेदक जो वर्ष 1997 से दीर्घकालिक वीज़ा पर भारत में रह रहे हैं, उनके नागरिकता आवेदन नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत लंबित थे।
  • CAA बनाम 1955 अधिनियम: दिसंबर 2019 में, नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया ताकि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह गैर-मुस्लिम समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) से संबंधित अनिर्दिष्ट प्रवासियों को पंजीकरण तथा प्राकृतिकीकरण के माध्यम से नागरिकता की सुविधा प्रदान की जा सके, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर गए थे। नागरिकता के लिये अर्हता प्राप्त करने की अवधि को 11 वर्ष के निरंतर प्रवास की मौजूदा आवश्यकता से घटाकर पाँच वर्ष कर दिया गया।
    • कई अफगान सिख अपने आवेदन को वर्ष 1955 के अधिनियम से CAA में स्थानांतरित करने के लिये याचिका दायर कर रहे हैं, क्योंकि CAA से नागरिकता प्राप्त करने का बेहतर अवसर मिलता है।
  • वर्ष 1955 अधिनियम के तहत आवेदनों में कई प्राधिकरणों की भागीदारी के कारण देरी होती थी, जबकि CAA ने राज्य सरकार की भूमिका को हटाकर प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप शीघ्र अनुमोदन हुआ।

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