विविध
शैक्षणिक उपयोगकर्त्ताओं के लिये ‘मैटलैब’ सॉफ्टवेयर तक पहुँच की अनुमति
- 31 Mar 2022
- 7 min read
देश में पहली बार भारत में अकादमिक उपयोगकर्त्ता भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग सुविधाओं के मानचित्र (I-STEM) पोर्टल के माध्यम से बिना किसी शुल्क के मैटलैब सॉफ्टवेयर समूह का उपयोग कर सकेंगे।
मैटलैब:
- मैटलैब मैथवर्क्स द्वारा विकसित एक ट्रेडमार्क युक्त बहु-प्रतिमान प्रोग्रामिंग भाषा और संख्यात्मक कंप्यूटिंग वातावरण है।
- मैटलैब विश्व स्तर पर 4 मिलियन से अधिक उपयोगकर्त्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है। यह मैट्रिक्स जोड़तोड़, कार्यों और डेटा की प्लाटिंग, एल्गोरिदम के कार्यान्वयन, उपयोगकर्त्ता इंटरफेस के निर्माण तथा अन्य भाषाओं में लिखे गए कार्यक्रमों के साथ इंटरफेसिंग की अनुमति देता है।
यह कदम कैसे महत्त्वपूर्ण है?
- भारत में कहीं से भी उपयोगकर्त्ता की सुविधा के अनुसार पहुँच प्रदान करने के लिये सॉफ्टवेयर समूह को I-STEM के क्लाउड सर्वर पर रखा गया है।
- इस व्यवस्था से देश में कई छात्रों और शोधकर्त्ताओं को सहायता मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से उनको जो दूर-दराज़ के इलाके में रहते हैं तथा कम सुविधायुक्त संस्थानों से जुड़ें हैं। इससे सीखने के परिणामों में वृद्धि होगी और पूरे भारत में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
I-STEM पोर्टल:
- परिचय:
- I-STEM, अनुसंधान और विकास (R&D) सुविधाओं को साझा करने के लिये एक राष्ट्रीय वेब पोर्टल है।
- पोर्टल शोधकर्त्ताओं को उपकरणों के उपयोग के लिये स्लॉट तक पहुँचने के साथ-साथ परिणामों के विवरण, जैसे- पेटेंट, प्रकाशन और प्रौद्योगिकियों को साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- जुलाई 2021 में I-STEM परियोजना को वर्ष 2026 तक पाँच साल के लिये विस्तार दिया गया था और इसने अतिरिक्त सुविधाओं के साथ अपने दूसरे चरण में प्रवेश किया।
- लॉन्च:
- इसे जनवरी 2020 में लॉन्च किया गया था और यह ‘प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद’ (PM-STIAC) मिशन’ के तत्त्वावधान में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की एक प्रमुख पहल है।
- यह एक व्यापक परिषद है जो प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय को विशिष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी डोमेन में स्थिति का आकलन करने, चुनौतियों को समझने, विशिष्ट हस्तक्षेप, भविष्य का रोडमैप विकसित करने और तदनुसार प्रधानमंत्री को सलाह देने की सुविधा प्रदान करती है।
- इसे जनवरी 2020 में लॉन्च किया गया था और यह ‘प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद’ (PM-STIAC) मिशन’ के तत्त्वावधान में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की एक प्रमुख पहल है।
- लक्ष्य:
- शोधकर्त्ताओं को संसाधनों से जोड़कर देश के R&D पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना।
- स्वदेशी रूप से प्रौद्योगिकियों एवं वैज्ञानिक उपकरणों के विकास को बढ़ावा देना और संबद्ध वेब पोर्टल के माध्यम से देश में मौजूदा सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं तक पहुँच को सक्षम करके शोधकर्त्ताओं को आवश्यक आपूर्ति एवं सहायता प्रदान करना।
- चरण-I:
- पहले चरण में पोर्टल को देश भर के 1050 संस्थानों के 20,000 से अधिक उपकरणों के साथ सूचीबद्ध किया गया था और इसमें 20,000 से अधिक भारतीय शोधकर्त्ता शामिल हैं।
- चरण-II:
- यह पोर्टल एक डिजिटल कैटलॉग के माध्यम से सूचीबद्ध स्वदेशी प्रौद्योगिकी उत्पादों की मेज़बानी करेगा। यह छात्रों एवं वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान परियोजनाओं को शुरू करने के लिये आवश्यक चयनित R&D (अनुसंधान एवं विकास) सॉफ्टवेयर भी प्रदान करेगा।
- यह पोर्टल विभिन्न ‘सिटी नॉलेज’ और ‘इनोवेशन क्लस्टर्स’ के लिये एक साझा STI (विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार) पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्मित सहयोग और साझेदारी के माध्यम से R&D बुनियादी अवसंरचना के प्रभावी उपयोग को बढ़ाने के लिये एक मंच भी प्रदान करेगा।
- नए चरण को एक गतिशील डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में डिज़ाइन किया जाएगा जो विशेष रूप से 2 स्तरीय और 3 स्तरीय शहरों हेतु तथा उभरते स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के लिये अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देगा।
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