91वीं इंटरपोल महासभा | 08 Dec 2023
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वियना, ऑस्ट्रिया में आयोजित 91वीं इंटरपोल महासभा में सदस्य देशों से अपराध, अपराधियों और अपराध की आय को सुरक्षित पनाह देने से इनकार करने का आग्रह किया।
- भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित अपराधियों और भगोड़ों को इंटरपोल चैनलों के बढ़ते लाभ एवं अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बेहतर संबंधों के माध्यम से सफलतापूर्वक वापस लाया गया है।
91वीं इंटरपोल महासभा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- 91वीं इंटरपोल महासभा के दौरान वित्तीय अपराध और भ्रष्टाचार को रोकने, ऑनलाइन बाल यौन शोषण से निपटने तथा इंटरपोल के भीतर विविधता को बढ़ावा देने के लिये सहयोगात्मक प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने हेतु प्रस्ताव पारित किये गए।
- प्रतिनिधिमंडल ने संगठित अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग/धन शोधन, कट्टरपंथी विचारधारा के ऑनलाइन प्रसार और साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों के निपटान के लिये समन्वित रणनीतियों पर विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा की।
- उन्होंने इन अपराधों की यथाशीघ्र रोकथाम की भी वकालत की।
- प्रतिनिधिमंडल ने इंटरपोल के विज़न 2030 को अपनाने और इंटरपोल फ्यूचर काउंसिल की स्थापना का समर्थन किया।
CBI क्या है?
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की प्रमुख पुलिस जाँच एजेंसी है।
- यह केंद्रीय सतर्कता आयोग और लोकपाल को सहायता प्रदान करती है।
- यह भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के कार्मिक विभाग के अधीक्षण के तहत कार्य करती है।
- यह भारत में नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल सदस्य राष्ट्रों की ओर से अन्वेषण का समन्वय करती है।