900 वर्ष पुराना चालुक्य अभिलेख | 01 Apr 2024

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में कल्याणी के चालुक्य राजवंश से संबंधित एक 900 वर्ष पुराना कन्नड़ शिलालेख तेलंगाना के गंगापुरम में एक उपेक्षित अवस्था में खोजा गया था।

इसे कल्याणी चालुक्य वंश के सम्राट 'भूलोकमल्ला' सोमेश्वर-तृतीय के पुत्र तैलपा-तृतीय के अधीन सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जारी किया गया था।

चालुक्य कौन थे?

  • अवलोकन:
    • चालुक्यों ने 6वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच दक्षिणी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।
    • चालुक्यों का साम्राज्य कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों के बीच रायचूर दोआब के आस-पास केंद्रित था।
  • तीन विशिष्ट किंतु संबंधित चालुक्य राजवंश:
    • बादामी चालुक्य: वे सबसे पुराने चालुक्य थे जिनकी राजधानी कर्नाटक के बादामी (वातापी) में थी।
      • उनका शासन छठी शताब्दी के मध्य में शुरू हुआ और 642 ई. में उनके सबसे महान राजा, पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु के बाद पतन हो गया।
    • पूर्वी चालुक्य: ये वेंगी में राजधानी के साथ पूर्वी दक्कन में पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु के बाद उभरे।
      • उन्होंने 11वीं शताब्दी तक शासन किया।
    • पश्चिमी चालुक्य: वे बादामी चालुक्य के वंशज थे।
      • वे 10वीं शताब्दी के अंत में उभरे और कल्याणी से शासन किया।

नोट: 

पुलकेशिन द्वितीय: चालुक्य शक्ति का शिखर-

  • कदंबों, मैसूर के गंगों, उत्तरी कोंकण के मौरवों, गुजरात के लाटों, मालवों और गुर्जरों सहित विभिन्न राज्यों पर विजय प्राप्त की।
  • चोल, चेर और पांड्य राजाओं से अपनी अधीनता सुरक्षित की।
  • कन्नौज के राजा हर्ष और पल्लव राजा महेंद्रवर्मन को हराया।

  • प्रशासन और सांस्कृतिक योगदान:
    • मजबूत सेना: पैदल सेना, घुड़सवार सेना, हाथी इकाई और एक मज़बूत नौसेना के साथ व्यापक सेना।
    • धार्मिक सहिष्णुता: हिंदू शासक होने के बावजूद, उन्होंने बौद्ध धर्म और जैन धर्म के प्रति सहिष्णुता दिखाई।
    • साहित्यिक और मुद्राशास्त्रीय योगदान: कन्नड़ और तेलुगु साहित्य में उन्नत विकास।
    • सिक्कों में नागरी और कन्नड़ शिलालेख, मंदिर क्रिप्टोग्राम तथा शेर, सूअर एवं कमल जैसे प्रतीक शामिल थे।
  • वास्तुशिल्प उत्कृष्टता:
    • गुफा मंदिर: धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष दोनों विषयों पर सुंदर भित्ति चित्रों से सजाए गए मंदिर बनाए गए।
    • उल्लेखनीय मंदिर:
      • ऐहोल मंदिर: लेडी खान (सूर्य), दुर्गा, हुचिमल्लीगुडी।
      • बादामी मंदिर
      • पट्टदकल मंदिर: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में नागर और द्रविड़ दोनों शैलियों में 10 मंदिर हैं, जिनमें विरुपाक्ष एवं संगमेश्वर मंदिर शामिल हैं।
  • पुलकेशिन II का ऐहोल अभिलेख:
    • कर्नाटक के ऐहोल में मेगुडी मंदिर में स्थित, ऐहोल शिलालेख चालुक्य इतिहास और उपलब्धियों में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
    • एहोल को "भारतीय मंदिर वास्तुकला का उद्गम स्थल" माना जाता है।
    • प्रसिद्ध कवि रविकृति द्वारा उत्कीर्णित यह अभिलेख चालुक्य राजवंश, विशेष रूप से राजा पुलकेशिन-II को एक गीतात्मक श्रद्धांजलि है, जिन्हें सत्य (सत्यश्रय) के अवतार के रूप में सराहा जाता है।
    • शिलालेख में विरोधियों पर चालुक्य वंश की विजय का वर्णन है, जिसमें हर्षवर्द्धन की प्रसिद्ध पराजय भी शामिल है।
  • पतन: 
    • 12वीं शताब्दी के अंत में कल्याणी के चालुक्य साम्राज्य के पतन के बाद, दक्षिण भारत में जिन नए साम्राज्य का उदय हुआ उनमें देवगिरि के यादव और वारंगल के काकतीय तथा द्वारसमुद्र के होयसल एवं मदुरै के पांड्य शामिल हैं।