लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

6 डिजिट अल्फान्यूमेरिक HUID

  • 09 Mar 2023
  • 4 min read

भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards- BIS) ने 31 मार्च, 2023 के बाद बिना 6 अंकों के अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या (Hallmark Unique Identification Number- HUID) के हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों या सोने की कलाकृतियों की बिक्री पर रोक लगा दी है। हालाँकि पुरानी योजनाओं के अनुसार उपभोक्ताओं के पास हॉलमार्क वाले गहने मान्य रहेंगे।

  • इससे पहले 4 अंकों वाले पुराने हॉलमार्क के आभूषणों की बिक्री की अनुमति थी और आभूषण विक्रेता 6 अंकों के HUID चिह्न वाले गहनों के साथ इसे भी बेच सकते थे।

हॉलमार्क:

  • पहचान:
    • कीमती धातु के सामानों में कीमती धातु की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण और आधिकारिक रिकॉर्डिंग को हॉलमार्किंग के रूप में जाना जाता है।
    • आभूषणों के संदर्भ में हॉलमार्किंग योजना BIS द्वारा वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। भारत में वर्तमान में हॉलमार्किंग के दायरे में सोने और चाँदी जैसी दो कीमती धातुओं को शामिल किया गया है।
    • हालाँकि 23 जून, 2021 से गोल्ड ज्वेलरी और गोल्ड आर्टिफैक्ट्स ऑर्डर, 2022 के अनुसार देश के 288 ज़िलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया है।
    • वर्ष 2021 में 6-अंकीय HUID की शुरुआत के बाद हॉलमार्क में 3 प्रतीक अर्थात्, BIS लोगो, आभूषणों की शुद्धता और छह-अंकीय अल्फान्यूमेरिक HUID शामिल थे। प्रत्येक हॉलमार्क किये गए आभूषण में अद्वितीय HUID संख्या होती है, जिससे आभूषणों का पता लगाया जा सकता है।

6-digit-alphanumeric-huid

  • व्यावहारिक क्रियाविधि:
    • एक उपभोक्ता BIS CARE एप में 'सत्यापित HUID' का उपयोग करके HUID संख्या के साथ हॉलमार्क किये गए सोने के आभूषणों की जाँच कर और उसे प्रमाणित कर सकता है।
    • जिस आभूषण को हॉलमार्क किया जाता है, उसकी पंजीकरण संख्या, आभूषण की शुद्धता, आभूषण के प्रकार के साथ-साथ हॉलमार्किंग केंद्र का विवरण, जो आभूषणों का परीक्षण और हॉलमार्क प्रदान करता है, आदि के संदर्भ में आभूषण विक्रेता को जानकारी प्रदान करता है।
      • इस जानकारी का उपयोग करते हुए एक सामान्य उपभोक्ता आभूषणों के प्रकार के साथ मिलान करके खरीदे जाने वाले आभूषणों को सत्यापित कर सकता है और साथ ही उनकी शुद्धता की भी जाँच करता है।

हॉलमार्क का क्या महत्त्व है?

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) नियम, 2018 के अनुसार, यदि कोई उपभोक्ता हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदता है और वे आभूषण उन पर अंकित गुणवत्ता की तुलना में कम शुद्धता वाले पाए जाते हैं, तो खरीदार/ग्राहक ऐसी वस्तु के वज़न और परीक्षण शुद्धता की कमी के आधार पर गणना से ज्ञात अंतर के दो गुना के बराबर मुआवज़े का हकदार होगा।
  • यह उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिये एक ऐसा उपकरण है जो ट्रेसेबिलिटी की क्षमता और गुणवत्ता के आश्वासन के साथ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों को खरीदने में ग्राहकों का विश्वास बढ़ाता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2