गुरु गोबिंद सिंह जी की 358वीं जयंती | 08 Jan 2025

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में प्रधानमंत्री ने सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी को उनकी 358वीं जयंती (जिसे प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है) पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

  • उनकी जयंती नानकशाही कैलेंडर (सौर वर्ष के अनुसार) पर आधारित है, जिसके अनुसार वर्ष 2025 में यह 6 जनवरी को है। 
  • गुरु गोबिंद सिंह जी: 
    • प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब, बिहार में हुआ था। वे अपने पिता (गुरु तेग बहादुर, 9 वें सिख गुरु) के उत्तराधिकारी बने।
    • योगदान: उन्होंने वर्ष 1699 में खालसा पंथ (जो धर्म और न्याय की रक्षा के लिए समर्पित एक योद्धा समुदाय था) की स्थापना की।
      • इन्होंने सिख पहचान के प्रतीक के रूप में पाँच 'क' को प्रस्तुत किया अर्थात कंघा (कंघी), केश (बिना कटे बाल), कड़ा (स्टील का कंगन), कृपाण (तलवार), और कच्चेरा (शॉर्ट्स)।
      • उनके बेटों ज़ोरावर सिंह (उम्र 7 वर्ष) और फतेह सिंह (उम्र 9 वर्ष) की सरहिंद के गवर्नर वज़ीर खान ने इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार करने के करण हत्या कर दी। 
        • उनके दो बड़े बेटों अजीत सिंह और जुझार सिंह ने चमकौर के युद्ध (1705) में अपने प्राणों की आहुति दे दी, जिसमें एक छोटी सिख सेना ने मुगलों तथा पहाड़ी राजाओं से युद्ध किया था।
        • उनकी शहादत को याद करने के लिए 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
      • पंज प्यारे: गुरु गोबिंद सिंह ने पंज प्यारे नामक संस्था की स्थापना की, जिसके तहत उन्होंने बलिदान के लिए पाँच सिर मांगे और पाँच लोगों ने स्वेच्छा से उनकी मांग पर प्रतिक्रया दी।

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