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‘इंडिया-थाईलैंड कोऑर्डिनेटेड पैट्रॉल’ (कॉर्पेट) का 32वाँ संस्करण

  • 13 Nov 2021
  • 3 min read

हाल ही में भारतीय नौसेना और ‘रॉयल थाई नौसेना’ के बीच ‘इंडिया-थाईलैंड कोऑर्डिनेटेड पैट्रॉल’ (इंडो-थाई कॉर्पेट) का 32वाँ संस्करण आयोजित किया गया।

Thailand

प्रमुख बिंदु

  • नौसेना अभ्यास के विषय में:
    • भारत और थाईलैंड वर्ष 2005 से वर्ष में दो बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर ‘कॉर्पेट’ का संचालन कर रहे हैं।
    • भारतीय नौसेना जहाज़ (INS)- ‘कर्मुक’, स्वदेश निर्मित मिसाइल- ‘कार्वेट’ और ‘हिज़ मेजेस्टीज़ थाईलैंड शिप’ (HTMS)- ‘तायनचोन’ (खामरोसिन क्लास की एंटी-सबमरीन पेट्रोल क्राफ्ट) इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
  • उद्देश्य
    • इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मज़बूत करना और हिंद महासागर के इस महत्त्वपूर्ण हिस्से को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये सुरक्षित रखना है।
    • यह अवैध, गैर-रिपोर्टेड और अनियमित (IUU) मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती तथा समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने हेतु उपाय प्रदान करता है।
    • यह तस्करी, अवैध अप्रवास की रोकथाम और समुद्र में खोज एवं बचाव (SAR) ऑपरेशन के संचालन हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाने में मदद करता है।
  • भारत के सागर विज़न के अनुरूप:
    • ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल) के भारत सरकार के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
    • यह कार्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, समन्वित गश्ती, संयुक्त EEZ (अनन्य आर्थिक क्षेत्र) निगरानी तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) संचालन के माध्यम से किया गया है।
  • भारत और थाईलैंड के बीच अन्य सैन्य अभ्यास:
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