BIMSTEC के विदेश मंत्रियों की दूसरी रिट्रीट | 17 Jul 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation- BIMSTEC) के विदेश मंत्रियों की दूसरी रिट्रीट नई दिल्ली में आयोजित हुई, जो म्याँमार में बढ़ते तनाव और प्रमुख घटनाक्रमों के बीच और अधिक महत्त्वपूर्ण हो गई है।

  • भारत के विदेश मंत्री ने, विशेष रूप से म्याँमार के सैन्य जुंटा (Military Junta) द्वारा विभिन्न एथनिक आर्म्ड ऑर्गेनाइज़ेशंस (Ethnic Armed Organisations- EAO) के विरुद्ध हाल ही में सामना किये गए चुनौतियों के आलोक में, आंतरिक रूप से क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने के लिये BIMSTEC की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

नोट: यह रिट्रीट वर्ष 2024 में BIMSTEC चार्टर के प्रभावी होने के बाद से पहला बड़ा आयोजन है, जो संगठन के विकास में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की रिट्रीट का पहला संस्करण वर्ष 2023 में बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित किया गया था।

BIMSTEC विदेश मंत्रियों की बैठक की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • वैश्विक एवं क्षेत्रीय विकास: बैठक में वर्तमान वैश्विक एवं क्षेत्रीय चुनौतियों के कारण क्षमता निर्माण और आर्थिक सहयोग जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया।
  • म्याँमार संकट: चर्चा का मुख्य विषय क्षेत्रीय स्थिरता और विकास परियोजनाओं पर म्याँमार संकट का प्रभाव था। म्याँमार में अस्थिरता BIMSTEC के लिये एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि इसने नेपाल, भूटान, भारत, बांग्लादेश, म्याँमार और थाईलैंड के बीच संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से विभिन्न विकास तथा कनेक्टिविटी परियोजनाओं को प्रभावित किया है। 
  • मानवीय सहायता पर चर्चा: बातचीत में मानवीय सहायता की संभावना पर भी चर्चा हुई, हालाँकि भारत की वर्तमान सहायता विस्थापित आबादी और मिज़ोरम में शरण लेने वाले सैन्य कर्मियों तक ही सीमित है।
  • म्याँमार संकट पर भारत का रुख: भारत ने विशेष रूप से तब से सतर्क रुख अपनाया है, जब से एथनिक आर्म्ड ऑर्गेनाइज़ेशंस (EAO) ने महत्त्वपूर्ण व्यापार मार्गों और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के निकट क्षेत्रों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है।
    • भारत साइबर अपराध, मादक पदार्थों और अवैध हथियारों जैसे पार-देशीय अपराधों से निपटने में सहयोग कर रहा है।

म्याँमार संकट

म्याँमार की सैन्य (Tatmadaw) जुंटा ने फरवरी 2021 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को पारजित किया। इसके कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ।

  • सेना की दमनकारी नीति का प्रतिरोध करने हेतु एथनिक आर्म्ड ऑर्गेनाइज़ेशंस (EAO) सहित विपक्षी समूहों ने सैन्य शासन का विरोध करने के लिये पीपल्स डिफेंस फोर्सेज़ (PDF) का गठन किया, जो अपदस्थ सांसदों द्वारा स्थापित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) का समर्थन कर रहा था। अक्तूबरबर 2023 से सैन्य और सशस्त्र विपक्षी समूहों के बीच संघर्ष अधिक बढ़ गया, जिससे नागरिकों का व्यापक विस्थापन हुआ तथा मानवतावाद संकट की स्थिति में आया।
  • लगभग 2.6 मिलियन नागरिकों को विवश होकर अपना निवास छोड़ना पड़ा और वर्तमान में 18.6 मिलियन नागरिकों, कुल आबादी का लगभग 1/3, को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। मुद्रास्फीति और संघर्ष ने भोजन और अन्य मूल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया है जिससे 1/4 आबादी  को खाद्य संकट का सामना करना पड़ा और अस्वस्थता की स्थिति उत्पन्न हुई।
  • भारत ने एक संतुलित रुख बनाते हुए अपने हितों की रक्षा के लिये सेना के साथ वार्ता करते हुए लोकतंत्र के विघटन पर चिंता व्यक्त की। सेना विरोधी तत्त्वों ने भारत-म्याँमार सीमा के समीप स्थित महत्त्वपूर्ण  शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है जिससे भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसी महत्त्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाएँ प्रभावित हुई हैं।

BIMSTEC

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2016)

समाचारों में कभी-कभी उल्लिखित समुदाय 

किसके मामले में

1.

कुर्द 

बांग्लादेश 

2.

मधेसी

नेपाल

3.

रोहिंग्या 

म्याँमार

उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?

(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 3

उत्तर- (c)