रैपिड फायर
सावित्रीबाई फुले की 193 वीं जयंती
- 07 Jan 2025
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स्रोत: इकोनोमिक टाइम्स
हाल ही में प्रधानमंत्री ने 3 जनवरी, 2025 को सावित्रीबाई फुले को उनकी 193वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- सावित्रीबाई को रूढ़िवादी समाज के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, उन्होंने पत्थरबाजी और दुर्व्यवहार सहित शारीरिक और सामाजिक प्रतिघातों को सहन किया।
- सावित्रीबाई फुले के बारे में:
- जन्म: उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा में हाशिये पर रहने वाले माली समुदाय में हुआ था। उनका विवाह ज्योतिबा फुले से हुआ जिन्होंने उनकी शिक्षा का दायित्व संभाला।
- उन्होंने दो शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रवेश लिया: एक अहमदनगर में अमेरिकी मिशनरी सिंथिया फरार के साथ और दूसरा पुणे के नॉर्मल स्कूल में।
- योगदान:
- महिलाओं के लिये शिक्षा: वर्ष 1848 में पुणे में लड़कियों के लिये पहला स्कूल स्थापित किया गया। इस दंपति ने कुल 18 स्कूल शुरू किये और चलाए।
- दलितों के लिये प्रयास: दलित समुदाय के उत्थान के लिये नेटिव मेल स्कूल, पुणे और सोसाइटी फॉर प्रमोटिंग द एजुकेशन ऑफ महार, मंग्स (Mangs) जैसे शैक्षिक ट्रस्टों की शुरुआत की।
- लैंगिक मुद्दों का मुकाबला: वर्ष 1863 में, ज्योतिराव और सावित्रीबाई ने बालहत्या प्रतिबंधक गृह की स्थापना की, जो कन्या भ्रूण हत्या का मुकाबला करने और गर्भवती ब्राह्मण विधवाओं और बलात्कार पीड़ितों की सहायता के लिये भारत का पहला गृह था।
- साहित्य: काव्य फुले (1854) और बावन काशी सुबोध रत्नाकर (1892) नामक दो प्रसिद्ध कृतियाँ लिखीं, साथ ही कविता 'गो, गेट एजुकेशन' भी लिखी।
- जन्म: उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा में हाशिये पर रहने वाले माली समुदाय में हुआ था। उनका विवाह ज्योतिबा फुले से हुआ जिन्होंने उनकी शिक्षा का दायित्व संभाला।
- 19 वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिराव फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगिरी में सामाजिक उत्पीड़न की आलोचना की और शिक्षा, समानता को बढ़ावा देने और अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिये वर्ष 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की।
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