प्रारंभिक परीक्षा
IMD और मिशन मौसम का 150वाँ स्थापना दिवस
- 16 Jan 2025
- 7 min read
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2025 को भारत के प्रधानमंत्री (पीएम) नई दिल्ली में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए।
- उन्होंने मिशन मौसम पहल का शुभारंभ कर IMD विज़न-2047 दस्तावेज़ जारी किया।
- इस कार्यक्रम में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के महासचिव ने भी भाग लिया।
मिशन मौसम पहल क्या है?
- परिचय: मिशन मौसम एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान, मॉडलिंग और प्रसार में भारत के मौसम विभाग की क्षमताओं को बढ़ाना है।
- बजट: मिशन के कार्यान्वयन के पहले दो वर्षों के लिये 2,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा।
- उद्देश्य:
- मौसम पूर्वानुमान में सुधार: 10 से 15 दिनों की अवधि के साथ, इस मिशन का उद्देश्य लघु से मध्यम अवधि के मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता को 5 से 10% तक बढ़ाना, बड़े महानगरीय क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान में 10% तक सुधार करना, तथा पूर्वानुमानों को पंचायत स्तर तक विस्तारित करना है।
- वर्तमान में, उष्ण लहरों जैसी चरम घटनाओं के लिये IMD के पूर्वानुमान की सटीकता लगभग 98%, जबकि भारी वर्षा के लिये लगभग 80% है।
- प्रौद्योगिकी में निवेश: यह मौसम मॉडल और अवलोकन प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिये AI, मशीन लर्निंग और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेगा, जिसमें अतिरिक्त डॉपलर रडार और उपग्रहों की तैनाती भी शामिल है।
- मौसम प्रबंधन: मिशन वर्षा प्रबंधन और बाढ़ और सूखे जैसी चरम घटनाओं को कम करने के लिये क्लाउड सीडिंग जैसी मौसम संशोधन तकनीकों का पता लगाएगा।
- क्लाउड चैंबर अनुसंधान: क्लाउड गतिशीलता का अध्ययन करने और क्लाउड सीडिंग प्रयोगों के माध्यम से मौसम प्रबंधन में सुधार करने के लिये पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान में एक क्लाउड चैंबर स्थापित किया जाएगा ।
- मौसम पूर्वानुमान में सुधार: 10 से 15 दिनों की अवधि के साथ, इस मिशन का उद्देश्य लघु से मध्यम अवधि के मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता को 5 से 10% तक बढ़ाना, बड़े महानगरीय क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान में 10% तक सुधार करना, तथा पूर्वानुमानों को पंचायत स्तर तक विस्तारित करना है।
- चरण: यह मिशन 5 वर्षों की अवधि में 2 चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा।
- इस चरण में लगभग 70 डॉप्लर रडार, उच्च निष्पादन वाले कंप्यूटर, पवन प्रोफाइलर और रेडियोमीटर की सहायता से प्रेक्षण नेटवर्क का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- द्वितीय चरण (2026 से आगे): उपग्रहों और विमानों के माध्यम से प्रेक्षण क्षमताओं में और वृद्धि।
IMD विज़न-2047 दस्तावेज़ क्या है?
- परिचय:
- यह एक युक्तिपूर्ण दस्तावेज़ है जिसमें वर्ष 2047 तक भारत में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता और आपदा प्रबंधन में सुधार करने के उद्देश्य से महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं।
- इसमें आगामी दो वर्षों, दस वर्षों (2035) और बाईस वर्षों (2047) के लिये महत्त्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं।
- मुख्य उद्देश्य:
- उग्र मौसम की पूर्ण पूर्वानुमेयता: उपग्रहों और रडारों जैसी उन्नत प्रेक्षण प्रणालियों का उपयोग करके, वर्ष 2047 तक गाँव और घरेलू स्तर पर उग्र मौसम की घटनाओं की पूर्ण रूप से पूर्वानुमेयता करने का लक्ष्य।
- पूर्वानुमान सटीकता: लक्षित:
- 3 दिनों के सभी पूर्वानुमानों के लिये 100% सटीकता
- 5 दिनों तक 90% सटीकता
- 7 दिनों तक 80% सटीकता
- 10 दिनों तक 70% सटीकता
- मौसम संबंधी घटनाओं से मृत्यु: चरम मौसम संबंधी घटनाओं से होने वाली मृत्यु की पूर्ण रूप से रोकथाम करने का लक्ष्य तथा आपदा प्रबंधन के लिये पूर्व चेतावनी सुनिश्चित करना।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- IMD भारत में मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये ज़िम्मेदार प्रमुख एजेंसी है जिसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- यह कृषि, विमानन एवं शिपिंग जैसे क्षेत्रों के लिये मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियाँ प्रदान करता है तथा राष्ट्रीय विकास के लिये महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है।
- यह मौसम विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिये अनुसंधान भी करता है।
भारत में मौसम विज्ञान से संबंधित प्रमुख पहल
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय मानसून का पूर्वानुमान करते समय कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित ‘इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. मौसम-विज्ञान में 'तापमान व्युत्क्रम' की घटना से आप क्या समझते हैं? उस स्थान के मौसम तथा निवासियों को यह कैसे प्रभावित करता है? (2013) |