प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन के लिये राज्यों में फसल बीमा कंपनियों को स्थापित करने की मंज़ूरी | 17 Apr 2017
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सूचना दी है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को लागू करने के लिये राज्यों को अपनी बीमा कंपनियाँ स्थापित करने की अनुमति दी है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)
जनवरी, 2016 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को ‘खरीफ’ 2016 से लागू किया गया।
मुख्य विशेषताएँ
- इस योजना के तहत खरीफ, रबी तथा वार्षिक वाणिज्यिक एवं बागबानी फसलों को शामिल किया गया है।
- इसमें खरीफ की फसल के लिये कुल बीमित राशि का 2% तक का बीमा प्रभार, रबी हेतु 1.5% तक तथा वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिये बीमित राशि का 5% तक का बीमा प्रभार निश्चित किया गया है।
- किसानों की प्रीमियम राशि का एक बड़ा हिस्सा केंद्र तथा संबंधित राज्य वहन करता है। बीमित किसान यदि प्राकृतिक आपदा के कारण बोहनी नहीं कर पाता है तो भी उसे दावा राशि मिल सकेगी।
- अब ओला, जलभराव और लैंड स्लाइड जैसी आपदाओं को स्थानीय आपदा माना जाएगा।
- इस योजना में स्थानीय हानि की स्थिति में केवल प्रभावित किसानों का सर्वे कर उन्हें दावा राशि प्रदान की जाएगी। योजना में पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान को भी शामिल किया गया है।
- अब फसल कटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा आ जाती है तो किसानों को दावा राशि मिल सकेगी।
- योजना में टैक्नोलॉजी (जैसे रिमोट सेंसिंग) इस्तेमाल कर फसल कटाई/नुकसान का आकलन शीघ्र व सही तरीके से किया जाता है, ताकि किसानों को दावा राशि त्वरित रूप से मिल सके।
- फसल कटाई प्रयोग के आँकड़ें तत्काल स्मार्टफोन से अप-लोड कराए जाते हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में पाँच सार्वजनिक क्षेत्र बीमा कंपनियों और 13 निजी बीमा कंपनियाँ इस योजना के कार्यान्वयन के लिये सूचीबद्ध हैं।
- सार्वजनिक बीमा कंपनियों में भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (यूआईसीसी), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (एनआईसी), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी (ओआईसी) और न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी (एनआईएसी) शामिल हैं।
- ध्यातव्य है कि फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के दौरान, 4.79 करोड़ किसानों को पीएमएफबीवाई के तहत कवर किया गया है और सरकार इस योजना के तहत किये गए दावों का आकलन करने की प्रक्रिया में है।