शासन व्यवस्था
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी: आवश्यकता और महत्त्व
- 28 Aug 2020
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इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिये भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने हेतु राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (National Recruitment Agency- NRA) के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
वर्तमान में, सरकारी नौकरियों की तलाश करने वाले उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिये कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं के लिये उपस्थित होना पड़ता है। NRA के आगमन के बाद पूरी प्रक्रिया एकीकृत हो जाएगी और छात्रों और एजेंसियों के लिये बोझिल प्रक्रिया को आसान बना देगा।
इस आलेख में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी, गठन की आवश्यकता, एजेंसी की विशेषताएँ, चुनौतियाँ और उसके लाभों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी
- नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) एक बहु-एजेंसी निकाय होगी, जिसके शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, SSC, RRB तथा IBPS के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA), केंद्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।
- नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत होगी।
- नई व्यवस्था के अनुसार, सरकारी नौकरी के इच्छुक सभी उम्मीदवार NRA द्वारा आयोजित एक सामान्य योग्यता परीक्षा (Common Eligibility Test-CET) में केवल एक बार हिस्सा लेंगे, जिसके बाद वे सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) के अंकों के आधार पर उच्च स्तर की परीक्षा के लिये किसी भी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे।
- सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के लिये 1517.57 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में खर्च किया जाएगा।
गठन की आवश्यकता क्यों?
- वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पात्रता के समान शर्तों वाले विभिन्न पदों के लिये अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है, जिसके कारण उम्मीदवारों को अलग-अलग एजेंसियों के अलग-अलग शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और साथ ही उम्मीदवारों को परीक्षा में हिस्सा लेने के लिये लंबी दूरी भी तय करनी पड़ती है, इससे उम्मीदवारों पर आर्थिक बोझ काफी हद तक बढ़ जाता है।
- इसके अलावा अलग-अलग भर्ती परीक्षाएँ उम्मीदवारों के साथ-साथ परीक्षाओं का आयोजन करने वाली एजेंसियों पर भी कार्य के बोझ को बढ़ा देती हैं, जिसमें बार-बार होने वाला खर्च, सुरक्षा व्यवस्था और परीक्षा केंद्रों से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
- आँकड़ों के अनुसार, भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 1.25 लाख सरकारी नौकरियों का विज्ञापन किया जाता है, जिनमें तकरीबन 2.5 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं।
विशेषताएँ
- सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) मुख्यतः तीन स्तरों पर आयोजित की जाएगी- स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं उत्तीर्ण) और मैट्रिक (10वीं उत्तीर्ण)।
- SSC, RRB तथा IBPS जैसी एजेंसियाँ यथावत बनी रहेंगी। सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) के अंकों के स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर भर्ती की अंतिम चयन प्रक्रिया के लिये परीक्षा का आयोजन संबंधित एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
- देश के प्रत्येक ज़िले में परीक्षा केंद्र स्थापित किये जाएंगे, जिससे दूर-दराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों को काफी लाभ प्राप्त होगा।
- देश भर के 117 ‘आकांक्षी ज़िलों’ (Aspirational Districts) में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केंद्रों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
- उम्मीदवारों को CET में प्राप्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिये वैध होंगे।
- सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिये विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियाँ करते हैं।
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी में शामिल परीक्षाएँ
- नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) द्वारा ग्रुप B और C (गैर-तकनीकी) पदों के लिये उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) का आयोजन किया जाएगा।
- नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) द्वारा शुरुआत में उन परीक्षाओं के लिये सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) का आयोजन किया जाएगा, जो मुख्यतः अब कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
- उपर्युक्त परीक्षाओं के सफलतापूर्वक संचालन के बाद इस बहु-एजेंसी निकाय के अंतर्गत कई अन्य परीक्षाओं को भी शामिल किया जा सकता है।
संबंधित चुनौतियाँ
- निजी क्षेत्र में सेवाओं को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के साथ भविष्य में कम सरकारी नौकरियाँ सृजित होने की आशंका है।
- केवल 14 प्रतिशत सार्वजनिक रोज़गार केंद्र (मुख्य रूप से रेलवे और रक्षा में) के दायरे में आते हैं, जबकि शेष भर्ती परीक्षाएँ राज्यों के दायरे में आती हैं।
- इस तरह के सुधारों की दीर्घकालिक प्रासंगिकता सार्वजनिक रोज़गार के स्तर को बढ़ाने और जनता तक सेवाओं का विस्तार करने की सरकारों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करेगी।
लाभ
- सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) के माध्यम से उम्मीदवारों के लिये कई परीक्षाओं में उपस्थित होने की परेशानी को दूर किया जा सकेगा।
- चूँकि परीक्षा केंद्र सभी ज़िलों में स्थापित किये जाएंगे, इससे दूर-दराज़ के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिये प्रोत्साहित होंगे और इस प्रकार भविष्य में केंद्र सरकार की नौकरियों में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रत्येक ज़िले में परीक्षा केंद्रों की अवस्थिति से सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों तथा विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों को भी अधिक लाभ होगा।
- रोज़गार के अवसरों को लोगों तक पहुँचाना एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिससे युवाओं की जिंदगी और आसन हो जाएगी।
- वर्तमान में, उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है। परीक्षा शुल्क के अतिरिक्त उम्मीदवारों को यात्रा, रहने-ठहरने और अन्य चीजों पर अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है। सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
- सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगी। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर को प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगा।
- इससे परीक्षा के प्रारूप में मानकीकरण स्थापित किया जा सकेगा।
- सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) के माध्यम से परीक्षा आयोजन में विभिन्न भर्ती एजेंसियों द्वारा किये जाने वाले खर्च में कमी आएगी, एक अनुमान के अनुसार, इसके कार्यान्वयन से लगभग 600 करोड़ रुपए की बचत की उम्मीद है।
- विशेष रूप से पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों को यात्रा, आवास, अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुँचने के लिये अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ेगा जो आमतौर पर उनके गृह नगर से दूर होते हैं।
- महिलाएँ आम तौर पर अपने परीक्षा केंद्र तक पहुँचने में अभिभावक (पिता/भाई/पति) पर निर्भर रहती हैं, यदि यह उनके गृहनगर से बहुत दूर है। हर जिले में परीक्षा केंद्रों का स्थान उम्मीदवारों, विशेषकर महिलाओं को लाभान्वित करेगा।
निष्कर्ष
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को एक अद्वितीय मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह सरकारी भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तन का प्रतीक बनेगा। NRA उम्मीदवारों के लिये सुविधा और लागत प्रभावशीलता का एक संयोजन है। निश्चित तौर पर यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिये विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियाँ करते हैं।
प्रश्न- नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी क्या है? इसकी आवश्यकता का विश्लेषण करते हुए बताएँ कि यह सार्वजनिक चयन प्रक्रिया में किस प्रकार परिवर्तन कर सकता है।