जल संबंधी भारत की चुनौतियाँ और हर घर जल योजना | 07 Jul 2023
यह एडिटोरियल 04/07/2023 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Clearing the water: on piped, potable water to rural households” लेख पर आधारित है। इसमें चर्चा की गई है कि ‘हर घर जल’ मिशन जैसी योजनाओं को कुछ सफलता तो मिली है लेकिन ग्रामीण भारत में स्वच्छ नल जल की पहुँच अभी भी दुर्लभ बनी हुई है और जनसंख्या का एक बड़ा भाग इस मूलभूत आवश्यकता से वंचित है।
प्रिलिम्स के लिये:"हर घर जल" मिशन, जल जीवन मिशन। मेन्स के लिये:ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वच्छ जल की पहुँच का महत्त्व |
बुनियादी स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक परिवार का पीने योग्य नल जल तक पहुँच होना एक मूलभूत आवश्यकता है। हालाँकि, ग्रामीण भारत में आबादी का एक बड़ा भाग अभी भी इस आवश्यक सुविधा से वंचित है।
भारत के लगभग 25 करोड़ परिवारों में से 19.5 करोड़ परिवार ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। दुर्भाग्य से प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर स्वच्छ पेयजल (‘हर घर जल’ योजना के तहत परिकल्पित) प्रदान कर सकने वाले नल जल कनेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्लभ ही हैं।
पीने योग्य नल जल तक पहुँच की इस कमी के ग्रामीण आबादी के लिये कई निहितार्थ हैं। यह खाना पकाने, साफ-सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता जैसी दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करता है। समुदायों को प्रायः कुओं, हैंडपंप या प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त जल जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो हमेशा ही स्वच्छता और सुरक्षा के आवश्यक मानकों को पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
भारत की ग्रामीण जल कनेक्टिविटी की चुनौतियों को हल करने के लिये ‘हर घर जल’ मिशन का प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है।
‘हर घर जल’ योजना:
- ‘हर घर जल’ योजना ‘जल जीवन मिशन’ का एक भाग है जिसे भारत में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है। इसका लक्ष्य देश के हर घर को पाइप जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है।
- ‘हर घर जल’ (water in every home) का तात्पर्य है प्रत्येक घर तक जल की उपलब्धता, जो इस योजना के उद्देश्य को परिलक्षित करता है।
- ‘हर घर जल’ योजना के परिणामस्वरूप भारत में उन परिवारों के प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जिनकी अब पाइप जल कनेक्शन तक पहुँच है (लगभग 64%) और यह मिशन शुरू होने के बाद से उल्लेखनीय प्रगति का संकेत देती है।
- इस योजना में घरों तक पाइप जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अलावा ग्रामीण स्कूलों, आँगनवाड़ी और सामुदायिक भवनों में पाइप जल कनेक्शन की स्थापना करना भी शामिल है।
‘हर घर जल’ योजना की उपलब्धियाँ:
- वर्ष 2019 के बाद से लगभग नौ करोड़ घरों को पाइप जल तक अनन्य पहुँच प्राप्त हुई है।
- गुजरात, हरियाणा और पंजाब जैसे कुछ राज्यों ने ‘हर घर जल’ योजना के 100% अनुपालन की सूचना दी है।
- राज्यों द्वारा रिपोर्ट की गई सूचना के अनुसार 1,68,157 ग्रामों को ‘हर घर जल’ ग्रामों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है।
- रिपोर्ट किये गए ‘हर घर जल’ ग्रामों में से लगभग 35% (लगभग 59000 ग्राम) को आधिकारिक रूप से ‘प्रमाणीकृत’ (certified) भी किया गया है।
- अनुमान है कि अप्रैल 2024 तक ग्रामों में केवल 75% ग्रामीण घरों की नल जल तक पहुँच होगी।
‘हर घर जल’ योजना से संबद्ध चुनौतियाँ:
- कोविड-19 महामारी: वैश्विक महामारी का विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिसमें ‘हर घर जल’ जैसी अवसंरचनात्मक विकास परियोजनाएँ भी शामिल हैं।
- महामारी-प्रेरित प्रतिबंधों ने पाइप और अन्य निर्माण संसाधनों जैसी आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता को प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप और देरी हुई है और इससे कार्यान्वयन की गति में बाधा उत्पन्न हुई है।
- जल संदूषण: पश्चिम बंगाल और केरल जैसे कुछ क्षेत्रों में जल संदूषण की समस्या बनी हुई है, जिससे सुरक्षित पेयजल तक पहुँच सुनिश्चित करने में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं।
- इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में संतोषजनक गुणवत्तायुक्त टैंक, टंकी और जल कनेक्शन के निर्माण के लिये कुशल श्रमिकों की भी कमी है।
- कार्यान्वयन में देरी: कुछ मामलों में इस योजना के तहत घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने का कार्य अभी शुरू भी नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप लक्ष्य प्राप्त करने में देरी हो रही है।
- योजना के दायरे में आने वाले लगभग 19.5 करोड़ परिवारों में से लगभग 1 करोड़ परिवारों (कुल का ~5%) ने अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं किया है।
- प्रमाणीकरण और कनेक्टिविटी: जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में नल कनेक्शन की संख्या बढ़ाने में प्रगति हुई है लेकिन ग्रामों का प्रमाणीकरण और उनकी पूर्ण कनेक्टिविटी अभी भी निम्न स्तर पर है। यह परिदृश्य आगे और प्रयासों की आवश्यकता को प्रकट करता है।
- अधिकांश गाँवों में सभी घरों तक कनेक्शन का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। इन गाँवों ने लगभग आधे से तीन-चौथाई घरों को ही पाइप जल कनेक्शन से जोड़ सकने में सफलता हासिल की है।
‘हर घर जल’ योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिये कौन-से कदम उठाये जा सकते हैं?
- कुशल कार्यबल को सुदृढ़ करना: प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करके और निर्माण एवं जल प्रबंधन क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देकर कुशल जनशक्ति की कमी को दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिये।
- जल गुणवत्ता निगरानी: जल संदूषण की समस्याओं को कम करने के लिये सुदृढ़ जल गुणवत्ता निगरानी प्रणालियों एवं उपायों (नियमित परीक्षण एवं उपचार सहित) को लागू करने के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
- त्वरित कार्यान्वयन: जिन गाँवों और घरों में अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है, उन पर ध्यान केंद्रित करते हुए योजना के कार्यान्वयन में तेज़ी लाई जाए और लक्ष्यों को पूरा करने के लिये समय पर निष्पादन सुनिश्चित किया जाए।
- प्रमाणीकरण और कनेक्टिविटी अभियान: प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर, समुदायों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देकर और नल जल कनेक्शन तक पहुँच को सक्षम करने के लिये आवश्यक अवसंरचना प्रदान कर प्रमाणीकृत और पूरी तरह से कनेक्टेड गाँवों की संख्या में वृद्धि की जाए।
- निगरानी और सत्यापन प्रक्रियाएँ: रिपोर्ट किये गए आँकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिये सुदृढ़ निगरानी और सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
- मिशन की प्रगति को सत्यापित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये स्वतंत्र आकलन, मूल्यांकन और ऑडिट को नियोजित किया जा सकता है।
- पारदर्शी और विश्वसनीय सूचना तंत्र की स्थापना करना: केंद्र सरकार को इस मिशन की प्रगति के संबंध में पारदर्शी और विश्वसनीय सूचना प्रदान करने के लिये एक तंत्र स्थापित करना चाहिये।
- इससे हितधारकों और आम लोगों को मिशन की उपलब्धियों, चुनौतियों और उन क्षेत्रों की स्पष्ट समझ हो सकेगी जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
अभ्यास प्रश्न: भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के समक्ष विद्यमान जल संबंधी चुनौतियों को हल करने में ‘हर घर जल’ योजना किस सीमा तक प्रभावी रही है? संवहनीय जल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिये इस योजना के तहत कौन-सी प्रमुख रणनीतियाँ अपनाई गई हैं?
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