अंतरिम बजट 2019-20 के प्रमुख बिंदु और विज़न डॉक्यूमेंट 2030 | 02 Feb 2019
संदर्भ
1 फरवरी को वर्तमान केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिये अंतरिम बजट पेश किया। कॉर्पोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने यह अंतरिम बजट पेश किया, जो अरुण जेटली के अस्वस्थ होने की वज़ह से वित्त मंत्री का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। उन्होंने अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए अगले दशक तक नए भारत के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार का विज़न डॉक्यूमेंट 2030 पेश किया। विज़न डॉक्यूमेंट 2030 में एक ऐसा नया भारत बनाने की बात कही गई है, जहाँ गरीबी, कुपोषण, गंदगी और निरक्षरता बीते समय की बातें होंगी। भारत में टेक्नोलॉजी से संचालित, उच्च विकास के साथ एक समान और आधुनिक पारदर्शी समाज होगा।
क्या होता है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है। कुछ लोग इसे लेखानुदान मांग और मिनी बजट भी कहते हैं। वोट ऑन अकाउंट के ज़रिये सीमित अवधि के लिये सरकार के जरूरी खर्च को मंज़ूरी मिलती है। जिस साल लोकसभा चुनाव होता है, उस साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। चुनाव के बाद बनने वाली सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।
आयकर की सीमा बढ़ाई गई
- अब 5 लाख रुपए तक सालाना कमाने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
- भविष्य निधि, विशेष बचतों, बीमा आदि में निवेश करने वाले जिन लोगों की कुल आमदनी 6.50 लाख रुपए तक है, उन्हें भी किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
- साथ ही दो लाख रुपए तक के आवास ऋण के ब्याज, शिक्षा ऋण पर ब्याज, राष्ट्रीय पेंशन योजना में योगदान, चिकित्सा बीमा, वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा पर होने वाले खर्च आदि जैसी अतिरिक्त कटौतियों के साथ उच्च आय वाले व्यक्तियों को भी कोई कर नहीं देना होगा।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हज़ार से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दिया गया है।
- बैंक या डाकघर में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर TDS सीमा को 10 हज़ार से बढ़ाकर 40 हज़ार रुपए करने का प्रस्ताव है।
- छोटे करदाताओं को राहत देने के लिये किराये पर कर कटौती के लिये TDS सीमा को एक लाख 80 हज़ार रुपए से बढ़ाकर दो लाख 40 हज़ार रुपए करने का प्रस्ताव है।
- ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपए तथा ESI की सीमा 15 हज़ार से 21 हज़ार रुपए करने का प्रस्ताव।
रक्षा, गृह और रेल बजट में बढ़ोतरी
- 2019-20 के लिये रक्षा बजट के लिये 3,05,296 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इस तरह रक्षा बजट पहली बार 3 लाख करोड़ रुपए के आँकड़े को पार कर गया है।
- रेलवे के लिये 64,587 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। रेलवे का कुल पूंजीगत व्यय 1,58,658 करोड़ रुपए का है।
- इसके अलावा, गृह मंत्रालय के लिये 1,03,927 करोड़ रुपए आबंटित किये गए हैं।
कृषि बजट में भारी बढ़ोतरी
अंतरिम बजट में पिछले बजट की तुलना में कृषि के लिये करीब-करीब ढाई गुना अधिक प्रावधान किया गया है। इस बार कृषि के लिये 1,40,763 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत
- इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटी जोत वाले किसान परिवारों को 6000 रुपए प्रतिवर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- यह आय सहायता 2000 रुपए की तीन समान किस्तों में लाभान्वित होने वाले किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित कर दी जाएगी।
- इस योजना का वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा और इससे लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।
- यह योजना 1 दिसंबर, 2018 से लागू मानी जाएगी और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिये पहली किस्त का इसी वर्ष के दौरान भुगतान कर दिया जाएगा।
- इस योजना पर 75 हज़ार करोड़ रुपए का सालाना खर्च आएगा और इससे छोटे किसान परिवारों को एक निश्चित पूरक आय प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना
- 15 हज़ार रुपए तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामकारों के लिये प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्ताव है।
- इसके तहत कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी सी राशि के मासिक अंशदान से 60 वर्ष की उम्र से 3000 रुपए की निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त की जा सकेगी।
- 29 वर्ष की आयु में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल 100 रुपए प्रतिमाह का अंशदान 60 वर्ष की उम्र तक करना होगा।
- 18 वर्ष की उम्र में इस पेंशन योजना में शामिल होने वाले कामगार को सिर्फ 55 रुपए प्रतिमाह का अंशदान करना होगा।
- सरकार हर महीने कामगार के पेंशन के खाते में इतनी ही राशि जमा करेगी।
- इस योजना के लिये 500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है और इसे वर्तमान वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
Nomadic के लिये समिति का गठन
नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसका काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू (Nomadic) समुदायों को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा। सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक कल्याण विकास बोर्ड का भी गठन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के कल्याण और विकास कार्यक्रमों को कार्यान्वित करना होगा। बोर्ड समुदायों तक पहुँच के लिये विशेष रणनीतियाँ बनाना और कार्यान्वित करना भी सुनिश्चित करेगा। आपको बता दें कि विकास व कल्याण कार्यक्रमों की पहुँच इन समुदायों तक नहीं हो पाती है, क्योंकि घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदाय जीवनयापन के लिये एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहते हैं। रेनके आयोग और आईडेट आयोग ने इन समुदायों की पहचान का काम किया और इन समुदायों की सूची बनाई है।
गाय के लिये राष्ट्रीय कामधेनु योजना और राष्ट्रीय गोकुल आयोग
गायों के सम्मान और उनकी रक्षा के लिये राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन से गौ संसाधनों का सतत आनुवंशिक उन्नयन करके गायों की नस्ल और संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय गोकुल आयोग का गठन भी किया जाएगा, जो गायों के लिये कानून और कल्याण योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के काम की भी देखभाल करेगा। इसके लिये 750 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
अलग से बनेगा मत्स्य पालन विभाग
मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के मद्देनज़र अलग से मत्स्य पालन विभाग बनाने का निर्णय लिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियाँ चला रहे किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।
विज़न डॉक्यूमेंट 2030 के 10 खास आयाम
- 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और सहज-सुखद जीवन के लिये भौतिक तथा सामाजिक अवसंरचना का निर्माण करना।
- ऐसे डिजिटल भारत का निर्माण करना जहाँ युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में व्यापक स्तर पर स्टार्ट-अप और इको-सिस्टम में लाखों रोजगारों का सृजन करते हुए इसका नेतृत्व करेगा।
- भारत को प्रदूषण मुक्त राष्ट्र बनाने के लिये इलेक्ट्रिकल वाहनों और नवीकरण ऊर्जा पर विशेष ध्यान देना।
- आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगीकरण के विस्तार के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों का सृजन करना।
- सभी भारतीयों के लिये सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियों और लघु सिंचाई तकनीकों के माध्यम से सिंचाई में जल का कुशल उपयोग करना।
- सागरमाला कार्यक्रम के तहत किये जा रहे प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्यम से देश के विकास को मज़बूती देना।
- भारत दुनिया के उपग्रहों को छोड़ने का ‘लॉन्च पैड' बन चुका है और अंतरिक्ष कार्यक्रम-गगनयान तथा 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य इस आयाम को दर्शाता है।
- सर्वाधिक जैविक तरीके से खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात में भारत को आत्मनिर्भर बनाना और विश्व की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये खाद्यान्नों का निर्यात करना।
- 2030 तक स्वस्थ भारत और एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं व्यापक आरोग्यकर प्रणाली के साथ-साथ आयुष्मान भारत और महिला सहभागिता भी इसका एक महत्वपूर्ण घटक होगा।
- भारत को न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन वाले एक ऐसे राष्ट्र का रूप देना जहां एक चुनी हुई सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलने वाले सहकर्मियों और अधिकारियों के अभिशासन को मूर्त रूप दिया जा सकता है।
अंतरिम बजट 2019 के प्रमुख बिंदु
- राजकोषीय घाटा कम किया गया तथा चालू खाता घाटा नियंत्रित किया गया।
- शैक्षणिक संस्थानों में अतिरिक्त 25 प्रतिशत सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी।
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत आज विश्व का लॉन्चिंग पैड बन गया है।
- परिवहन क्षेत्र की क्रांति में ई-वाहनों के जरिये भारत विश्व का नेतृत्व करेगा।
- अगले पाँच साल में एक लाख डिजिटल गाँव बनाए जाएंगे।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र का बजट आवंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपए किया गया।
- अब 21 हज़ार रुपये प्रतिमाह तक आय वालों को 7 हज़ार रुपये तक बोनस मिलेगा। इससे पहले 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह तक आय वालों को 3500 रुपये तक बोनस मिलता था।
- मनरेगा के लिये 60 हज़ार करोड़ रुपए आवंटित किये गए।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये 19 हज़ार करोड़ रुपए का आवंटन।
- मुद्रास्फीति नियंत्रण में, दिसंबर 2018 में महँगाई दर 2.18 प्रतिशत पर आई।
- प्रधानमंत्री किसान योजना के लिये 75 हज़ार करोड़ रुपए आवंटित।
- सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
- रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क पर मानवरहित क्रॉसिंग खत्म।
- आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ाया गया।
- श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपए की गई।
- भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिये एकल खिड़की मंज़ूरी व्यवस्था शुरू होगी।