अंतर्राष्ट्रीय संबंध
ज़ीलैंडिया - एक खोया महाद्वीप
- 29 Jul 2017
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संदर्भ
वैज्ञानिकों का एक दल ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में समुद्र के नीचे स्थित एक ऐसे खोये हुए महाद्वीप “ज़ीलैंडिया”(Zealandia) के रहस्यों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके बारे में अभी तक ठीक से अध्ययन नहीं किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- ‘ज़ीलैंडिया’ का अधिकांश भाग दक्षिण प्रशांत महासागर के नीचे डूबा हुआ है।
- यह कभी विशाल गोंडवाना महाद्वीप का हिस्सा था और वर्तमान से करीब 75 करोड़ वर्ष पहले उससे अलग हुआ था।
- गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में अमेरिका के जर्नल ‘जीएसए टुडे’ में प्रकाशित एक पत्र में शोधकर्त्ताओं ने इसको एक नया महाद्वीप कहे जाने की बात कही थी।
अलग महाद्वीप की विशेषताएँ
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार यह एक अलग भौगोलिक इकाई था, जो पृथ्वी के अन्य महाद्वीपों के लिये लागू सभी मानदंडों को पूरा करता है, जैसे- आसपास के क्षेत्र से ऊँचा होना , विशिष्ट भूविज्ञान, एक सु-परिभाषित क्षेत्र और समुद्र तल पर पाए जाने वाले भूपटल की तुलना में काफी घना होना।
अवस्थिति
- पाँच लाख वर्ग किलोमीटर में फैला यह महाद्वीप, न्यूज़ीलैंड के दक्षिण से न्यू कैलेडोनिया के उत्तर तक और पश्चिम में ऑस्ट्रेलिया के केन पठार तक फैला हुआ है।
- इसके बारे में और जानकारियाँ इकठ्ठा करने के लिये जोआइड्स रेज़ोल्यूशन नामक एक ड्रिल जहाज़ वहाँ भेजा जा रहा है, जो समुद्र तट के नीचे से तलछट और चट्टान के नमूने इकट्ठा करेगा।
वैश्विक परिसंचरण पैटर्न के अध्ययन में महत्त्वपूर्ण
- वैश्विक जलवायु में बदलाव का अध्ययन करने के लिये यह एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
- करोड़ो वर्ष पहले जब ऑस्ट्रेलिया उत्तर की ओर बढ़ा और तस्मान सागर का विकास हुआ, वैसे ही वैश्विक परिसंचरण पैटर्न में बदलाव आया और ज़ीलैंडिया के ऊपर पानी की गहराई में उतार चढ़ाव होने लगा।
- इसी समय प्रशांत महासागर में ‘रिंग ऑफ फायर’ नामक द्वीप समूहों की उत्पत्ति हुई थी।
- वैज्ञानिक वैश्विक परिवर्तनों को प्रभावित करने में इस क्षेत्र को महत्त्वपूर्ण मानते हैं।