2018 में परमाणु ऊर्जा विभाग की पहल एवं उपलब्धियाँ | 20 Dec 2018
संदर्भ
वर्ष 2018 के दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy) ने ऊर्जा सुरक्षा और समाज के लाभ के लिये विभिन्न पहल किये और इस प्रकार राष्ट्र निर्माण में योगदान किया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
कैगा जेनरेटिंग स्टेशन ने बनाया लगातार परिचालन का रिकॉर्ड
- कैगा जेनरेटिंग स्टेशन (Kaiga Generating Station- KGS) की यूनिट-1 ने 10 दिसंबर, 2018 को 941 दिनों का लगातार परिचालन दर्ज किया और इसके साथ ही इस इकाई ने ब्रिटेन की हेशैम-2 (Heysham-2) यूनिट-8 (610 मेगावॉट AGR) के 940 दिनों के लगातार परिचालन का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
- यह PHWR (Pressurized Heavy-Water Reactor) की परमाणु बिजली उत्पादन प्रौद्योगिकी में राष्ट्र की विकसित क्षमता को दर्शाता है।
- यह डिज़ाइन, निर्माण, सुरक्षा, गुणवत्ता और परिचालन एवं रखरखाव कार्यों में भारत के परमाणु ऊर्जा निगम (Nuclear Power Corporation of India-NPCIL) की उत्कृष्टता का प्रमाण है।
गुजरात और राजस्थान में प्रेशराइज़्ड हैवी वाटर रिएक्टरों का निर्माण
- गुजरात के काकरापार और राजस्थान में स्थापित होने वाले 700 मेगावॉट क्षमता के प्रेशराइज़्ड हैवी वाटर रिएक्टरों के निर्माण कार्य प्रगति पर है।
- गुजरात के काकरापार परमाणु बिजली संयंत्र यूनिट-2 (Kakarapar Nuclear Power Station Unit-2) में नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण कार्यों, जैसे- एन मैसी कूलैंट चैनल रिप्लेसमेंट (En Masse Coolant Channel Replacement- EMCCR) और एन मैसी फीडर रीप्लेसमेंट (En Masse Feeder Replacement- EMFR) एवं अन्य सुरक्षा उन्नयन उपायों के पूरा होने के बाद निर्धारित समय से साढ़े तीन महीने पहले सितंबर 2018 में इसका परिचालन सुचारू कर दिया गया।
फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर का परिचालन शुरू
- फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (Fast Breeder Test Reactor- FBTR) का परिचालन 30 मेगावॉट क्षमता के साथ मार्च 2018 में शुरू किया गया जो इसके इतिहास का एक प्रमुख पड़ाव है। इसके टर्बो जेनरेटर को ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज़्ड किया गया है जो 6.1 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति करता है।
अप्सरा-उन्नत (APSARA-U)
- अप्सरा-उन्नत (APSARA-U) एक नवीनीकृत स्वीमिंग पूल के आकार का रिएक्टर है जिसका परिचालन सितंबर 2018 में ट्रॉम्बे में शुरू हुआ।
- इस रिएक्टर को विभिन्न तरह के आइसोटोप के उत्पादन के लिये डिज़ाइन किया गया है।
साइक्लोन-30
- साइक्लोन-30 (Cyclone-30) भारत का सबसे बड़ा चिकित्सा साइक्लोट्रॉन (Cyclotron) है जो 30 MeV बीम डिलीवर करता है।
- यह साइक्लोट्रॉन पूरे पूर्वी भारत की रेडियो आइसोटोप की ज़रूरतों को पूरा करने में समर्थ है। साथ ही यह पूरे देश के लिये पैलेडियम 103 (Palladium PD-103) और जरमैनियम 68 (Germanium-68 or Ge-68) की ज़रूरतों को भी पूरा करने में सक्षम है।
रेडियोन्यूक्लाइड जेनेरेटर का विकास
- कैंसर के निदान एवं उपचार के लिये 21 रेडियोफार्मास्यूटिकल्स (21 radiopharmaceuticals) के साथ सस्ती एवं प्रभावी दवाओं का विकास और दो रेडियोन्यूक्लाइड जेनरेटर (Radionuclide generators) विकसित किये गए हैं।
महत्त्वपूर्ण समझौते
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बेहतर बनाने के क्रम में कुछ नए समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए जो इस प्रकार हैं-
भारत-अमेरिका
- न्यूट्रिनो भौतिकी (Neutrino Physics) के क्षेत्र में DAE ने अमेरिका के फर्मिलैब (Fermilab) के साथ अंतर- सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- अप्रैल 2018 में अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ एनर्जी के भारत दौरे के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
भारत-फ्राँस
- महाराष्ट्र के जैतापुर में लगभग 10,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने के लिये मार्च 2018 में भारत के NPCIL और फ्राँस के EDF (Électricité de France) के बीच इंडस्ट्रियल वे फॉरवार्ड एग्रीमेंट (Industrial Way Forward agreement) पर हस्ताक्षर किये गए।
- इन परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में EPR प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। इवोल्यूशनरी प्रेशराइज़्ड रिएक्टर (Evolutionary Pressurized Reactors- EPRs) विकासवादी रिएक्टर हैं, इनका विकास ‘कोंवोइ’ (KONVOI) और ‘एन 4’ (N4) रिएक्टरों जो क्रमशः जर्मनी और फ्राँस में लगभग दो दशकों तक चल रहे हैं, से हुआ है।
भारत-कनाडा
- फरवरी 2018 में भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ नैचुरल रिसोर्सेज़ (Department of Natural Resources) के बीच परमाणु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
भारत-वियतनाम
- मार्च 2018 में वियतनाम परमाणु ऊर्जा संस्थान, वीनाटोम (Vietnam Atomic Energy Institute- VINATOM) के साथ प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।