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राइट मॉन्स माउंटेन: प्लूटो

  • 31 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्लूटो, राइट मॉन्स माउंटेन, नासा, आइसी लावा, ड्वार्फ प्लैनेट, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन, मौना लोआ, क्रायोवाॅल्केनिज्म।

मेन्स के लिये:

स्पेस टेक्नोलॉजी, प्लूटो, न्यू होराइज़न्स जाँच के निष्कर्ष।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के न्यू होराइज़न्स यान ने प्लूटो के बारे में काफी अनूठी जानकारियाँ भेजी हैं।

  • जाँच से पता चलता है कि बर्फीले लावा के प्रवाह (Icy Lava Flows) ने हाल ही में इसकी सतह के बड़े हिस्से को कवर किया है।
  • निष्कर्षों ने राइट मॉन्स नामक एक पहाड़ी विशेषता पर विशेष ध्यान आकर्षित किया है।
  • प्लूटो की यात्रा करने वाला नासा का एकमात्र अंतरिक्षयान न्यू होराइज़न्स है, जो जुलाई 2015 में इसके पास से गुज़रा।

राइट मॉन्स:

  • प्लूटो पर राइट मॉन्स (Wright Mons) नाम की एक पहाड़ी पाई गई, जो अपने परिवेश से 4-5 किमी. ऊपर उठी हुई है। यह अपने आधार पर लगभग 150 किमी. की दूरी पर है और इसमें 40-50 किमी. चौड़ा एक केंद्रीय अवसाद (एक छेद) है, जिसका आधार कम-से-कम आसपास के इलाके जितना है।
    • राइट बंधुओं के सम्मान में राइट मॉन्स को अनौपचारिक रूप से न्यू होराइजन्स टीम द्वारा नामित किया गया था।
  • वैज्ञानिकों का दावा है कि राइट मॉन्स एक ज्वालामुखी है तथा क्रेटर की कमी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह 1-2 अरब साल से अधिक पुराना नहीं है।
    • गड्ढा/क्रेटर तब बनता है जब कोई क्षुद्रग्रह या उल्कापिंड जैसी वस्तु किसी ग्रह या चंद्रमा जैसी बड़ी ठोस वस्तु की सतह से टकराती है।
  • इसका आयतन 20 हज़ार घन किलोमीटर से अधिक है। हालाँकि यह मंगल के सबसे बड़े ज्वालामुखियों के आयतन से काफी कम है, यह हवाई के मौना लोआ के कुल आयतन के समान है जबकि इसके समुद्र-स्तर से ऊपर का हिस्सा काफी बड़ा है।
  • राइट मॉन्स और इसके आस-पास 1 किमी. तक ऊँचे इलाकों को अधिकतर 6-12 किमी. ऊँचे टीले के रूप में देखा जा सकता है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि ये टीले जो प्लूटो पर कुछ अन्य क्षेत्रों को कवर करते हैं, मुख्य रूप से पानी/बर्फ से बने हैं, न कि नाइट्रोजन या मीथेन-बर्फ से।
    • उनका तर्क है कि यह इन डोम्स को बनाने और संरक्षित करने के लिये आवश्यक भौतिक शक्ति के अनुरूप है, लेकिन वे मुख्य रूप से केंद्रीय अवसाद में बहुत कमज़ोर नाइट्रोजन-बर्फ के छोटे भाग की पहचान करते हैं।
  • हम्मॉक्स संभवतः बर्फ के ज्वालामुखी द्वारा निर्मित हैं, जिसे तकनीकी शब्द "क्रायोवॉल्केनिज्म" (पिघले हुए चट्टान के बजाय बर्फीले जल के विस्फोट) के नाम से जाना जाता है।
  • प्लूटो के कुल घनत्व से पता चलता है कि इसके आंतरिक भाग में चट्टान होनी चाहिये, लेकिन इसके बाहरी क्षेत्र बर्फ (जल, मीथेन, नाइट्रोजन और शायद अमोनिया एवं कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण हैं, जो सभी चट्टान के रूप में एक-तिहाई से भी कम घने हैं) तथापृथ्वी की क्रस्ट और अन्य चट्टानी ग्रहों की तरह सिलिकेट खनिजों का मिश्रण हैं।
  • प्लूटो के कई अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में क्रेटर मौजूद हैं।

प्लूटो:

  • प्लूटो को बौने ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया था। वर्ष 2006 में प्लूटो को सौरमंडल में तीन अन्य पिंडों के साथ वर्गीकृत किया गया था जो प्लूटो के समान छोटे आकार के हैं: सेरेस, माकेमेक और एरिस।
    • वर्ष 1930 में क्लाइड टॉम्बो द्वारा खोजे गए प्लूटो को सौरमंडल के नौवें ग्रह के रूप में अपनाया गया था।
    • वर्ष 2006 में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा अपनाई गई ग्रह की परिभाषा का महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह है कि जो सूर्य का चक्कर लगाता हो, गोलाकार हो, किसी अन्य पिंड का चक्कर नहीं लगाता हो और और जिसने अपनी कक्षा को साफ कर दिया हो अर्थात् वह निकाय जिसने चक्कर लगाने वाले अपने कक्ष में छोटे-छोटे पिंडों को रास्ते से हटा दिया हो, ग्रह कहलाएगा।
    • प्लूटो स्पष्ट रूप से इस परिभाषा का पालन नहीं करता है- इसके तुलनात्मक द्रव्यमान के प्रतिद्वंद्वी भी मौजूद हैं, साथ ही इसे बड़े पैमाने पर नेपच्यून द्वारा छायांकित भी किया जा रहा है।
    • प्लूटो के साथ ये पिंड "अन्य" ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे हैं।
  • प्लूटो जो पृथ्वी के चंद्रमा से छोटा है, में ह्रदय के आकार का ग्लेशियर है जो टेक्सास और ओक्लाहोमा के आकार का है। इसमें नीला आसमान, विचरण करते हुए चंद्रमा, रॉकीज़ जितने ऊँचे पहाड़ तथा बर्फ की मौजूदगी भी है, लेकिन बर्फ का रंग लाल है।
  • प्लूटो लगभग 1,400 मील चौड़ा है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की चौड़ाई का लगभग आधा है, पृथ्वी के चंद्रमा की चौड़ाई का 2/3 भाग है।
  • प्लूटो सूर्य की परिक्रमा औसतन 3.6 बिलियन मील दूर, पृथ्वी से लगभग 40 गुना दूर कुइपर बेल्ट नामक क्षेत्र में करता है।
  • प्लूटो पर एक वर्ष पृथ्वी के 248 वर्षों के समान है। प्लूटो पर एक दिन 153 घंटे या लगभग 6 पृथ्वी दिवसों के समान होता है।
  • प्लूटो में नाइट्रोजन, मीथेन और कार्बन मोनोऑक्साइड का पतला वातावरण है। वातावरण में नीले रंग की धुंध की अलग-अलग परतें हैं।
  • प्लूटो के 5 चंद्रमा हैं। सबसे बड़ा- चारोन है, यह इतना बड़ा है कि प्लूटो और चारोन एक-दूसरे की परिक्रमा एक दोहरे ग्रह की तरह करते हैं।
  • प्लूटो की सतह -228 से -238 C तक ठंडी है, जिसके कारण यहाँ जीवन बनाए रखना काफी मुश्किल है।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न: निम्नलिखित में से किस ग्रह में प्राकृतिक उपग्रहों या चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक है? (2009)

(a) बृहस्पति
(b) मंगल
(c) शनि
(d) शुक्र

उत्तर: (a)

  • बृहस्पति के 79 चंद्रमा हैं, जिनमें गेनीमेड भी शामिल है, जो कि सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है।
  • मंगल ग्रह के दो चंद्रमा हैं- फोबोस और डीमोस।
  • शनि ग्रह के 82 चंद्रमा हैं, जो इसे सबसे अधिक चंद्रमाओं वाला ग्रह बनाता है।
  • नोट: हालाँकि जब प्रश्न पूछा गया तो बृहस्पति के पास सबसे अधिक ज्ञात प्राकृतिक उपग्रह या चंद्रमा थे।

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन एक अंतरिक्षयान है? (2008)

(a) एपोफिस
(b) कैसिनी
(c) स्पिट्ज़र
(d) टेकसार

उत्तर: b

  • कैसिनी-ह्यूजेंस अंतरिक्ष अनुसंधान मिशन, जिसे आमतौर पर ‘कैसिनी’ कहा जाता है, में नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी (ASI) के बीच सहयोग शामिल है, जिसके तहत शनि ग्रह एवं उसकी प्रणाली का अध्ययन करने हेतु एक जाँच अभियान भेजा गया है, जिसमें शनि ग्रह के छल्ले और प्राकृतिक उपग्रहों का अध्ययन किया जाएगा।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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