WTO की बैठक | 15 May 2019
चर्चा में क्यों?
भारत ने 13 -14 मई तक नई दिल्ली में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization- WTO) में शामिल विकासशील देशो की अनौपचारिक बैठक की मेज़बानी की।
प्रमुख बिंदु
- आमंत्रित 24 देशों में से 22 देशों ने इस बैठक में भाग लिया और 17 देशों ने बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये।
- यह बैठक वर्ष 2020 में कज़ाखस्तान में आयोजित होने वाले विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले आयोजित एक महत्त्वपूर्ण बैठक है।
- इस बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर बात की गई:
- विश्व व्यापार संगठन की अपीलीय निकाय के बारे में-
- अपीलीय निकाय में सदस्यों की संख्या सात से घटकर तीन रह गई है।
i. इस कारणवश वर्तमान में अपीलीय निकाय में किसी अपील पर सुनवाई करने में एक वर्ष का समय लग रहा है, जबकि अपीलों के निपटान के लिये निर्धारित समय 90 दिन है।
ii. फिलहाल मौजूद तीन न्यायाधीशों में से दो न्यायाधीश 10 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इससे अपीलीय निकाय की कार्यक्षमता प्रभावित होगी।
iii. ध्यातव्य है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले साल से अपीलीय निकाय में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
- विश्व व्यापार संगठन में विकासशील देशों के विशेष और भिन्न उपाय (Special but Differentiated Treatment) का प्रावधान कुछ अन्य देशों के लिये चिंता का विषय बना हुआ है।
विश्व व्यापार संगठन
- विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है। वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं।
- 29 जुलाई, 2016 को अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना।
- सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मलेन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है, जिसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है।
विश्व व्यापार संगठन का अपीलीय निकाय
- विश्व व्यापर संघ के अपीलीय निकाय की स्थापना वर्ष 1995 में अंडरस्टैंडिंग ऑफ रूल्स ऑफ डिसिप्लिन (DSU) के नियमों और प्रक्रियाओं पर अनुच्छेद 17 के तहत की गई थी।
- यह सात व्यक्तियों का एक स्थाई निकाय है जो WTO के सदस्यों द्वारा लाए गए विवादों पर पैनलों द्वारा जारी रिपोर्टों के आधार पर अपील की सुनवाई करता है।
- अपीलीय निकाय एक पैनल के कानूनी निष्कर्षों में परिवर्तन सकता है, संशोधन कर सकता है या उन्हें यथावत बनाये रख सकता है।
विशेष और भिन्न उपाय संबंधी प्रावधान
Special and Differential Treatment
- विश्व व्यापार संगठन के समझौते में कुछ खास प्रावधान शामिल हैं जो विकासशील देशों को कुछ विशेष अधिकार देते हैं जिन्हें विशेष और भिन्न उपाय (Special and Differential Treatment) के रूप में जाना जाता हैं। ये प्रावधान विकसित देशों को विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यों की तुलना में विकासशील देशों के साथ अधिक अनुकूल व्यवहार की संभावना प्रदान करते हैं।
- विशेष प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं-
i. समझौतों और प्रतिबद्धताओं को लागू करने हेतु लंबा समय
ii. विकासशील देशों हेतु व्यापार के अवसरों को बढ़ाने संबंधी उपाय
iii. विकासशील देशों के व्यापार हितों की सुरक्षा के लिये सभी WTO सदस्यों हेतु आवश्यक प्रावधान।
iv. विकासशील देशों को WTO के काम को पूरा करने, विवादों को हल करने और तकनीकी मानकों को लागू करने में मदद करने हेतु सहायता।
v. सबसे कम विकसित देश (Least-Developed Country- LDC) के सदस्यों से संबंधित प्रावधान।
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