वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स- 2018 | 27 Dec 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders) द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स (World Press Freedom Index) में भारत को 138वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
वैश्विक परिदृश्य
- इस वर्ष कुल 80 पत्रकारों की हत्या हुई है, 348 इस समय जेल में कैद हैं और 60 को बंधक बनाकर रखा गया है जो पूरी दुनिया में मीडिया कर्मियों के प्रति शत्रुता के उच्च स्तर को दर्शाता है।
- मारे गए 80 पत्रकारों में से 63 पेशेवर पत्रकार थे, जबकि 13 गैर-पेशेवर पत्रकार और 4 मीडिया कर्मचारी थे।
- 49 पत्रकारों की या तो हत्या हुई या उन्हें जान-बूझकर निशाना बनाया गया, जबकि 31 पत्रकार रिपोर्टिंग के दौरान मारे गए।
- मारे गए सभी 80 पत्रकारों में 77 पुरुष पत्रकार तथा 3 महिला पत्रकार शामिल थीं।
- पिछले 10 सालों में कुल मिलाकर 702 पत्रकार मारे जा चुके हैं।
- प्रतिवर्ष पत्रकारों की मौत से संबंधित आँकड़े इस प्रकार हैं-
पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देश
पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल हैं-
- अफगानिस्तान (15)
- सीरिया (11)
- मेक्सिको (9)
- यमन (8)
- भारत और अमेरिका (प्रत्येक में 6)
जेलों में कैद पत्रकार
- पूरी दुनिया के जेलों में कैद पत्रकारों की कुल संख्या 348 है। इनमें 179 पेशेवर पत्रकार, 150 गैर-पेशेवर पत्रकार तथा 19 मीडियाकर्मी शामिल हैं। यदि जेलों में कैद पुरुष और महिला पत्रकारों की बात की जाए तो इन कैदियों में 324 पुरुष और 24 महिला पत्रकार शामिल हैं।
- 2017 की तरह इस वर्ष भी जेल में कैद पत्रकारों की कुल संख्या में से आधे से अधिक पत्रकार केवल पाँच देशों की जेलों में हैं। ये देश हैं-
- चीन (60)
- मिस्र (38)
- तुर्की (33)
- ईरान (28)
- सऊदी अरब (28)
बंधक पत्रकार
- वर्तमान में पूरी दुनिया में 60 पत्रकारों को बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें 45 पेशेवर पत्रकार, 9 गैर-पेशेवर पत्रकार और 6 मीडिया कर्मचारी शामिल हैं।
- बंधक बनाए गए कुल पत्रकारों में से 98% पत्रकारों को मध्य-पूर्व के देशों में, जबकि 2% को शेष विश्व में बंधक बनाया गया है।
- बंधक बनाए जाने वाले पत्रकारों में से 59 को मध्यपूर्वी देशों- सीरिया (31), यमन (17) और ईराक (11) में बंधक बनाया गया है, जबकि 1 पत्रकार को यूक्रेन में बंधक बनाया गया है।
प्रेस को स्वतंत्रता प्रदान करने वाले शीर्ष 10 देश और उनका स्कोर
रैंकिंग | देश | स्कोर |
1. | नॉर्वे | 7.63 |
2. | स्वीडन | 8.31 |
3. | नीदरलैंड | 10.01 |
4. | फिनलैंड | 10.26 |
5. | स्विट्ज़रलैंड | 11.27 |
6. | जमैका | 11.33 |
7. | बेल्जियम | 13.16 |
8. | न्यूज़ीलैंड | 13.62 |
9. | डेनमार्क | 13.99 |
10. | कोस्टा रिका | 14.01 |
भारतीय परिदृश्य
- भारत को इस सूचकांक में 43.24 अंकों के साथ 138वाँ स्थान हासिल हुआ है जबकि वर्ष 2017 में भारत इस सूचकांक में 136वें स्थान पर था।
- इस वर्ष देश में कुल 6 पत्रकारों की हत्या हुई है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
- रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है, जो सार्वजनिक हित में संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोपीय परिषद, फ्रैंकोफोनी के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और मानव अधिकारों पर अफ्रीकी आयोग के साथ सलाहकार की भूमिका निभाता है।
मुख्यालय
- इसका मुख्यालय पेरिस में है।
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स
- RSF द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स का प्रथम संस्करण वर्ष 2002 में प्रकाशित किया गया।
- इस सूचकांक में पत्रकारों के लिये उपलब्ध स्वतंत्रता के स्तर के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की जाती है।
- प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित मानचित्र, सूचकांक में प्रत्येक देश की स्थिति का दृश्य अवलोकन प्रदान करता है। इस मानचित्र में अलग-अलग श्रेणियों के लिये सफेद, पीले, नारंगी, लाल और काले रंगों का प्रयोग किया गया है-
♦ अच्छी स्थिति लिये- सफेद
♦ ठीक-ठाक स्थिति के लिये- पीला
♦ समस्या ग्रस्त देशों के लिये- नारंगी
♦ खराब स्थिति वाले देशों के लिये- लाल
♦ बहुतखराब स्थिति वाले देशों के लिये- काला