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विश्व तंबाकू निषेध दिवस

  • 02 Jun 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व तंबाकू निषेध दिवस, विश्व स्वास्थ्य संगठन

मेन्स के लिये:

तंबाकू नियंत्रण हेतु किये गए विभिन्न प्रयास

चर्चा में क्यों?

हर वर्ष 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और वैश्विक साझेदारों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) मनाया जाता है।

प्रमुख बिंदु:

WNTD 2021 का केंद्रीय विषय:

  • विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 का विषय है- ‘कमिट टू क्विट’।
  • WHO ने भारत में तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने के प्रयासों के लिये भारतीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को ‘महानिदेशक विशेष पुरस्कार’ से सम्मानित किया है।
    • ई-सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिये वर्ष  2019 के राष्ट्रीय कानून में उनके नेतृत्व की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

'तंबाकू' का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव: 

  • भारत में हर वर्ष तंबाकू के सेवन के कारण 13 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है, यानी प्रतिदिन 3500 मौतें होती हैं।
  • इसके कारण होने वाली मौतों और बीमारियों के अलावा तंबाकू देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है।
    • धूम्रपान करने वालों को कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारी से होने वाली मौतों के मामले में 40-50% अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है।
  • WHO के अध्ययन (अगस्त 2020 में प्रकाशित) को "भारत में तंबाकू के उपयोग से होने वाली बीमारियों और मौतों की आर्थिक लागत" शीर्षक से प्रकाशित किया गया।
    • यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में तंबाकू के उपयोग से होने वाली बीमारियों और मौतों का आर्थिक बोझ सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1% (1.77 लाख करोड़ रुपये) तक है।

भारत में तंबाकू नियंत्रण की दिशा में किये गए उपाय:

  • भारत ने ‘WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल’ (WHO FCTC) के तहत तंबाकू नियंत्रण प्रावधानों को अपनाया है।
  • सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, (COTPA) 2003
    • इसके तहत वर्ष 1975 के सिगरेट अधिनियम को प्रतिस्थापित किया गया (यह अधिनियम सिगरेट के पैक और विज्ञापनों पर प्रदर्शित होने वाली सांविधिक चेतावनियों- 'सिगरेट धूम्रपान स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है’ तक सीमित था। इसमें गैर-सिगरेट उत्पादों को शामिल नहीं किया गया था।)
    • वर्ष 2003 के अधिनियम में सिगार, बीड़ी, चुरूट, पाइप तंबाकू, हुक्का, चबाने वाला तंबाकू, पान मसाला और गुटखा को भी शामिल किया गया।
  • इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अध्यादेश, 2019: यह ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन को प्रतिबंधित करता है।
  • नेशनल टोबैको क्विटलाइन सर्विस (NTQLS): नेशनल टोबैको क्विटलाइन सर्विस का उद्देश्य तंबाकू छोड़ने के लिये टेलीफोन आधारित जानकारी, सलाह और समर्थन प्रदान करना है और इस हेल्पलाइन में बड़ी संख्या में तंबाकू उपयोगकर्त्ताओं तक पहुँचने की क्षमता है।
  • mCessation कार्यक्रम: यह तंबाकू छोड़ने के लिये मोबाइल प्रौद्योगिकी आधारित एक पहल है।
    • भारत ने सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के हिस्से के रूप में वर्ष 2016 में टेक्स्ट संदेशों का उपयोग करते हुए mCessation की शुरुआत की थी।

तंबाकू की खपत में गिरावट:

  • तंबाकू के उपयोग की व्यापकता वर्ष 2009-10 में 34.6 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2016-17 में 28.6 प्रतिशत हो गई।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के तहत भारत ने वर्ष 2025 तक तंबाकू के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल

  • विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा ‘WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल’ (WHO FCTC) के तंबाकू नियंत्रण प्रावधानों को अपनाया गया है और लागू किया गया है।
  • यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वावधान में शुरू की गई पहली अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • इसे 21 मई, 2003 को विश्व स्वास्थ्य सभा (WHO की शीर्ष निर्णयन संस्था) द्वारा अपनाया गया था और यह 27 फरवरी, 2005 को लागू हुई थी।
  • इसे तंबाकू महामारी के वैश्वीकरण की प्रतिक्रिया के रूप में विकसित किया गया था और यह एक साक्ष्य-आधारित संधि है जो सभी लोगों के स्वास्थ्य के उच्चतम स्तर के अधिकार की पुष्टि करती है।
  • तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिये FCTC के उपायों में शामिल हैं:
    • मूल्य और कर उपाय।
    • तंबाकू पैकेजों पर बड़ी ग्राफिक चेतावनियाँ।
    • शत-प्रतिशत धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थान।
    • तंबाकू के विपणन पर प्रतिबंध।
    • तंबाकू छोड़ने वालों का समर्थन करना।
    • तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप को रोकना ।

स्रोत: पी.आई.बी.

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