जैव विविधता और पर्यावरण
विश्व महापौर शिखर सम्मेलन-2019
- 14 Oct 2019
- 3 min read
प्रीलिम्स के लिये:
C-40 की स्थापना एवं विश्व महापौर शिखर सम्मेलन
मुख्य परीक्षा के लिये:
विश्व महापौर सम्मेलन में तय की गई प्रतिबद्धताएँ
चर्चा में क्यों?
9 अक्तूबर से 12 अक्तूबर, 2019 के मध्य डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में विश्व महापौर शिखर सम्मेलन (World Mayors Summit) का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने की उन नगरीय प्रक्रियाओं से संबंधित है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु जोखिमों को कम करती हैं।
- यह सम्मेलन शहरी नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार और उन्हें अधिक आर्थिक अवसर प्रदान कराने का प्रयास करता है।
- इस अवसर पर दिल्ली सरकार ने “C-40 स्वच्छ वायु शहर उद्घोषणा” के तहत एक ‘विशेष कार्य दल’ के गठन का निर्णय लिया जो इस उद्घोषणा के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये किये गए प्रयासों की समीक्षा करेगा।
- C-40 में शामिल कलकत्ता शहर को इस वर्ष ई-मोबिलिटी तथा निम्न कार्बन उत्सर्जन के लिये C-40 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- C-40 में शामिल सभी शहरों द्वारा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई गई है, क्योंकि C-40 में शामिल शहरों द्वारा कुल 2.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन किया जाता है।
- कोपेनहेगन में आयोजित C-40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन प्रमुख शहरों, व्यवसायों और नागरिकों के वैश्विक गठबंधन का निर्माण करेगा जो हमारे ग्रह के लिये उपयोगी और महत्त्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई के लिये प्रयास करेगा।
C-40:
- C-40 वर्ष 2005 में अस्तित्व में आया एक ऐसा समूह है जो त्वरित जलवायु कार्रवाई करने और एक स्वस्थ एवं स्थायी भविष्य के निर्माण के लिये दुनिया के 90 से अधिक शहरों को आपस में जोड़ता है।
- C-40 समूह, विश्व के 700 मिलियन से अधिक नागरिकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है।
- C-40 शहरों के महापौर स्थानीय स्तर पर पेरिस समझौते के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, साथ ही जिस हवा में हम साँस लेते हैं, उसकी स्वच्छता की ज़िम्मेदारी निभाने के लिये भी प्रतिबद्ध हैं।
- भारत के 5 शहर-दिल्ली NCR, जयपुर, कलकत्ता, चेन्नई तथा बंगलूरु C-40 शहरों के अंतर्गत आते हैं।