जैव विविधता और पर्यावरण
विश्व शेर दिवस 2021
- 11 Aug 2021
- 5 min read
प्रिलिम्स के लियेविश्व शेर दिवस मेन्स के लियेशेरों के संरक्षण संबंधी प्रयास |
चर्चा में क्यों?
वैश्विक स्तर पर शेरों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 10 अगस्त को ‘विश्व शेर दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
प्रमुख बिंदु
पृष्ठभूमि
- शेरों के संरक्षण की पहल वर्ष 2013 में शुरू हुई थी और इसी वर्ष पहला ‘विश्व शेर दिवस’ भी आयोजित किया गया था।
- पिछले 100 वर्षों में शेरों की आबादी में 80% की गिरावट दर्ज की गई है।
- इस दिवस के आयोजन का प्रमुख लक्ष्य शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित करने हेतु जागरूकता बढ़ाना है।
- यह शेर समुदाय की सुरक्षा संबंधी उपायों पर भी काम करता है।
शेर
- वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा लियो
- शेर को दो उप-प्रजातियों में विभाजित किया गया है: अफ्रीकी शेर (पैंथेरा लियो लियो) और एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका)।
- प्राणिजगत में शेरों की भूमिका
- शेर वन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्त्वपूर्ण स्थान पर मौजूद हैं, वह अपने आवास का शीर्ष शिकारी है, जो चरवाहों की आबादी को नियंत्रित कर पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- शेर अपने शिकार की आबादी को स्वस्थ रखने और उनके बीच लचीलापन बनाए रखने में भी योगदान देते हैं, क्योंकि वे झुंड के सबसे कमज़ोर सदस्यों को निशाना बनाते हैं। इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से शिकार, आबादी में रोग नियंत्रण में मदद करता है।
- खतरा: अवैध शिकार, एक स्थान पर रहने वाली एक ही तरह की आबादी से उत्पन्न आनुवंशिक अंतर्प्रजनन, रोग जैसे- प्लेग, कैनाइन डिस्टेंपर या प्राकृतिक आपदा।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: संवेदनशील
- एशियाई शेर: संकटग्रस्त
- CITES: भारतीय आबादी के लिये परिशिष्ट- I एवं अन्य सभी आबादी परिशिष्ट- II
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची- I
- IUCN रेड लिस्ट: संवेदनशील
- भारत में स्थिति
- भारत एशियाई शेरों का प्रमुख आवास स्थान है और ये मुख्य तौर पर सासन-गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात) के संरक्षित क्षेत्र में निवास करते हैं।
- वर्ष 2020 के आँकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल 674 शेर हैं, जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या 523 से अधिक थी।
- संरक्षण संबंधी प्रयास
- प्रोजेक्ट लायन: ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट एलीफैंट’ की तर्ज पर अगस्त 2020 में घोषित प्रोजेक्ट लायन के तहत ‘कुनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य’ (मध्य प्रदेश) के अलावा छह नए स्थलों की पहचान की गई है।
- यह कार्यक्रम एशियाई शेर के संरक्षण के लिये शुरू किया गया है, जिसकी अंतिम शेष जंगली आबादी गुजरात के ‘एशियाई शेर लैंडस्केप’ (ALL) में मौजूद है।
- इससे पूर्व केंद्रीय ‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा ‘एशियाई शेर संरक्षण परियोजना’ शुरू की गई थी। इसे वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक तीन वित्तीय वर्षों के लिये मंज़ूरी दी गई थी।
- इसके तहत एशियाई शेरों के समग्र संरक्षण के लिये रोग नियंत्रण एवं पशु चिकित्सा देखभाल हेतु बहु-क्षेत्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में समुदायों की भागीदारी के साथ वैज्ञानिक प्रबंधन की परिकल्पना की गई है।
- शेरों की जनगणना प्रत्येक पाँच वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है।
- प्रोजेक्ट लायन: ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट एलीफैंट’ की तर्ज पर अगस्त 2020 में घोषित प्रोजेक्ट लायन के तहत ‘कुनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य’ (मध्य प्रदेश) के अलावा छह नए स्थलों की पहचान की गई है।
- बिल्ली की अन्य बड़ी प्रजातियाँ भी अधिकतर भारत में पाई जाती हैं, जिनमें रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, क्लाउडेड लेपर्ड और स्नो लेपर्ड शामिल हैं।