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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

दुनिया का सबसे बड़ा लेज़र बंदूक

  • 04 Sep 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

दुनिया का सबसे बड़ा एक्स-रे लेज़र यंत्र जिसका नाम ‘यूरोपीय एक्स-रे फ्री इलेक्ट्रॉन लेज़र’ (European X-ray Free Electron Laser) है, जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में प्रदर्शन के लिये रखा गया है। इस यंत्र की निर्माण लागत 1.5 अरब यूरो ($ 1.7 बिलियन) है। इसे 11 देशों के वित्त पोषण से तैयार किया गया है। इसे बनाने में आठ वर्ष लगे हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • इसे यूरोप की अब तक की सबसे बड़ी एवं सबसे महत्त्वाकांक्षी शोध परियोजना बताई जा रही है।
  • यह मेगा परियोजना जर्मनी के हैम्बर्ग शहर के उत्तर में धरती के 38 मीटर नीचे 3.4 किलोमीटर के सुरंग के अंदर 27,000 प्रति सेकेंड की दर से अत्यधिक तीव्र लेज़र फ्लैश पैदा करेगा।
  • यह अल्ट्राफास्ट स्ट्रोब लाइट शोधकर्त्ताओं को पहली बार द्रव्य के अंदर देखने, नैनो स्तर पर उनकी तस्वीरें लेने और फ़िल्में बनाने की अनुमति देगा।

इसके अनुप्रयोग

  • यह परमाणुओं, विषाणुओं और रासायनिक प्रतिक्रियाओं जैसे अत्यंत सूक्ष्म चीज़ों की अंदर की गतिविधियों एवं कार्यों की जानकारियाँ प्राप्त करने में सहायक होगा।
  • यह विशाल लेज़र बंदूक एक सूक्ष्मदर्शी जैसा है जो नैनो जगत का पहले से कहीं अधिक छोटे विवरण और प्रक्रियाओं को देखना संभव बनाता है। 
  • इसकी सहायता से वैज्ञानिक अब विषाणुओं या कोशिकाओं के विवरणों को समझने, उनकी 3-डी छबियाँ तैयार करने एवं रासायनिक प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड करने में सक्षम हो सकेंगे। 
  • इसकी सहायता से तैयार जैवअणुओं की छवियाँ बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने में मदद कर सकती है, इसी तरह किसी इमारत की सामग्री के अंदर झांककर उसके दरारों के कारणों का पता भी लगाया जा सकेगा।
  • इसके द्वारा प्रकाश किरणों का बण्डल बनाकर अत्यधिक दाब और ताप पैदा कर पृथ्वी के अंदर की प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जा सकेगा।
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